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Punjab News: आमने-सामने हुआ रेलवे और शिक्षा विभाग, 15 दिनों में स्कूल खाली करने के आदेश जारी

350 छात्रों की पढ़ाई पर छाए सकंट के बादल

लुधियानाः जिले के जगराओं पुल के पास सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल को लेकर सख्त आदेश जारी हुए है। दरअसल, उत्तर रेलवे और शिक्षा विभाग आमने-सामने आ चुका है। रेलवे द्वारा सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल को 15 दिनों के भीतर जमीन खाली करने का आदेश जारी किए है। उत्तर रेलवे और शिक्षा विभाग के बीच तनावपूर्ण गतिरोध पैदा हो गया है। उत्तर रेलवे, लुधियाना के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (वर्क्स) की ओर से 4 जून को जारी किए गए नोटिस में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर स्कूल 19 जून तक जमीन खाली नहीं करता या जमीन के मालिकाना हक का वैध सबूत पेश करने में विफल रहता है, तो इमारत को गिराया जा सकता है।

स्कूल की प्रिंसिपल बलबीर कौर ने अचानक मिले नोटिस पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि यह पत्र अचानक आया और हमने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) को सूचित किया। उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन इस मुद्दे को सुलझाने के लिए विभाग के साथ चर्चा चल रही है। बलबीर कौर ने यह भी पुष्टि की कि डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन को जानकारी दे दी गई है और स्कूल को बस स्टैंड के पास शिफ्ट करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई है, हालांकि कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

स्कूल वर्तमान में लगभग 350 छात्रों को समायोजित करने के लिए 2 शिफ्टों में संचालित होता है, जिसमें प्राथमिक और उच्च प्राथमिक दोनों वर्गों के लिए कक्षाएं चलती हैं। इस फैसले से बच्चों की पढ़ाई पर सकंट के बादल छा गए है। उन्होंने कहा कि केवल 3 स्थायी कक्षाओं के साथ, कई कक्षाएं बरामदे को परिवर्तित करके बनाई गई जगहों पर आयोजित की जाती हैं, जो स्कूल की गंभीर बुनियादी ढांचे की स्थिति को उजागर करती हैं। शिक्षकों को चिंता है कि स्कूल को उसके वर्तमान स्थान से दूर स्थानांतरित करने से आस-पास रहने वाले छात्रों पर गंभीर असर पड़ेगा, क्योंकि उनके लिए आवागमन चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।

रेलवे अधिकारी सुभाष चंद्र ने विवाद की जड़ को समझाते हुए कहा कि शिक्षा विभाग ने अभी तक भूमि के लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करके समझौते को नवीनीकृत नहीं किया है, जो कि सही मायने में रेलवे का है। उन्होंने कहा कि इस देरी के कारण बेदखली का नोटिस जारी किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) डिंपल मदान ने आश्वासन दिया कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने नोटिस मिलने के तुरंत बाद लोक शिक्षण निदेशालय (माध्यमिक) को सूचित किया। रेलवे विभाग के साथ सोमवार को एक बैठक निर्धारित है, जहां हमें समाधान मिलने की उम्मीद है। अभी, योजना समझौते को नवीनीकृत करने और स्कूल की जगह सुरक्षित करने की है।

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