फिरोजपुरः जिले के गांव लख्खो के बहिराम में पिछले दिन नशीले पदार्थों के कारण हुई 4 युवकों की मौत के बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने टीम बनाकर 6 मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की। इस दौरान 4 मेडिकल स्टोरों से काफी मात्रा में प्रतिबंधित दवाइयां मिलीं। जिसके बाद प्रशासन द्वारा 4 मेडिकल स्टोरों को सील कर दिया गया है। इस संबंधी जिला प्रबंधन परिसर में डिप्टी कमिश्नर दीपशिखा शर्मा और एसएसपी भूपिंदर सिंह सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी देते हुए बताया कि नशे के कारण हुई मौतों के तुरंत बाद कार्रवाई करते हुए, एक मेडिकल टीम का गठन किया गया, जिसमें सीनियर मेडिकल अधिकारी, कार्यकारी मजिस्ट्रेट समेत अन्य अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने मारे गए युवाओं के परिवारिक सदस्यों से बातचीत कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इसमें पाया गया कि मृतक 3 युवाओं की स्थिति नशे के कारण पहले ही खराब थी और इनमें से एक युवा को पीठ में अल्सर की बीमारी थी और ये सभी युवा नशा छुड़ाऊ केंद्रों में पहले भी कई बार नशा छोड़ने की दवाइयां लेने आते-जाते रहते थे। चौथा युवा नशा छुड़ाऊ केंद्र से नशा छोड़ने की गोलियां लेकर आया था। बताया जा रहा हैकि इसे इंजेक्शन के रूप में लेने के बाद उसकी मौत हो गई। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि इसके बाद लक्खों के बहिराम में 6 मेडिकल स्टोरों की जांच के लिए एक और टीम का गठन किया गया, जिसमें जिला कंट्रोलिंग अधिकारी हरिता बंसल, जिला कंट्रोलिंग अधिकारी रमनदीप गुप्ता, नायब तहसीलदार परमपाल सिंह और पुलिस टीम ने तणू मेडिकोज, गुरुनानक 13-13 मेडिकल स्टोर, सुखराज मेडिकल स्टोर, सतनाम मेडिकल स्टोर और परमीत मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की गई। इनमें से 3 मेडिकल स्टोर परमीत मेडिकल स्टोर से 2950 प्रतिबंधित दवाइयां, गुरुनानक 13-13 मेडिकल स्टोर से 420 प्रतिबंधित दवाइयां बरामद कीं और तणू मेडिकल स्टोर से भी प्रतिबंधित दवाइयां मिलने पर इन्हें सील कर दिया गया।
इसके अलावा पिछले दिन खुराना मेडिकल एजेंसी, मुल्तानी गेट, फिरोजपुर की जांच की गई और जांच दौरान फर्म से 35,200 टाबेंताडोल की गोलियां और 4,400 Pregabalin कैप्सूल बरामद हुईं, जिनकी कुल कीमत लगभग 9,00,000 ( नौ लाख रुपये) बनती है। फर्म को टाबेंताडोल का स्टॉक रखने की अनुमति नहीं थी और जन स्वास्थ्य के हित में इस चौथी दुकान को भी सील कर दिया गया। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि इसके अलावा युद्ध नशियों के खिलाफ चलाई गई मुहिम के तहत 1 जनवरी 2025 से अब तक 207 इनस्पेक्शन्स की गईं, जिनमें 1.32 करोड़ की प्रतिबंधित दवाइयां जब्त की गईं और 12 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस रद्द किए गए और 65 लाइसेंस सस्पेंड किए गए।
एसएसपी ने बताया कि जिले में सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए स्पेशल टीमों का गठन किया गया है, जिन्होंने पिछले समय में 212 किलो हेरोइन की रिकवरी की है, जो कि एक साल की रिकवरी से 4-5 गुना अधिक है। इसी तरह काफी संख्या में नशा तस्करों को भी गिरफ़्तार कर परचे दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह देखने में आता है कि जब नशे की सप्लाई टूटती है तो नशा करने वाले मेडिकल व अन्य नशों का सहारा लेते हैं और ओवडोज़ के कारण मौत का शिकार हो जाते हैं। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वह इस बात का ध्यान रखें कि जब भी कोई नौजवान या बच्चे की आदत या व्यवहार में बदलाव देखने को मिले तो वह तुरंत डॉक्टरों की मदद ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित कर मेडिकल स्टोरों और नशा तस्करों के खिलाफ और भी तेज़ मुहिम चलायी जाएगी। एस.एस.पी ने कहा कि बुरे अंसरों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा कठोर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है, और किसी भी तरह का नशा बेचने वाले मेडिकल स्टोर या तस्कर को बख्शा नहीं जाएगा।