मोगाः जिले के गांव रेड़वा के युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वहीं इस मामले में परिवार ने काउंटर इंटेलिजेंस पर गंभीर आरोप लगाए है। आरोप है कि 8 मई को काउंटर इंटेलिजेंस के टीम ने मृतक के साथ 2 अन्य नौजवान को हिरासत में लेकर उनकी बुरी तरह से पिटाई की थी। जिसके कारण व्यक्ति की मौत हो गई। परिवार ने आरोप लगाए है कि तीनों को छोड़ने के लिए पुलिस ने 60 हजार रूपए लिए थे। इस घटना में गांव रेड़वां निवासी 23 वर्षीय आकाशदीप सिंह की सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। दरअसल, 8 मई को काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने गांव के 3 नौजवान आकाशदीप सिंह, मेजर सिंह और गग्गु को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि इनके पास अवैध हथियार हैं।
तीनों को मोगा स्थित काउंटर इंटेलिजेंस दफ्तर लाया गया, जहां उनके साथ बुरी तरह मारपीट करने के आरोप लगाए गए। पुलिस को तीनों से कुछ नहीं बरामद हुआ। आरोप है कि गांव के सरपंच की मौजूदगी में आकाशदीप से 10,000, मेजर सिंह से 20,000 और गग्गु से 30,000 वसूले गए। इसके बाद तीनों को छोड़ दिया गया। पुलिस के डर के कारण तीनों युवक 9 मई से घर से फरार हो गए, ताकि उन्हें फिर से हिरासत में ना ले । इसी दौरान आकाशदीप सिंह की तबीयत बिगड़ने लगी और उसे खून की उल्टियां होने लगीं। वह गांव में ही एक डॉक्टर से इलाज करवा रहा था। लेकिन सोमवार सुबह उसकी हालत और बिगड़ गई। सांस लेने में तकलीफ होने लगी और खून की उल्टियां तेज हो गईं।
परिवार वाले उसे कोट ईसेखा अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मेजर सिंह रेत का काम करता हैं और आकाशदीप व गग्गु उनके साथ मजदूरी करते थे। बताया गया है कि गांव के पंचायत मेंबर सेवक सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी कि इन तीनों के पास अवैध हथियार हैं, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की। जानकारी के अनुसार, इन तीनों युवकों पर पहले कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था।आकाशदीप शादीशुदा था और उसकी दो बेटियां हैं।मीडिया को जानकारी देते हुए गग्गु ने बताया कि उन्हें 8 तारीख की सुबह सैलून से काउंटर इंटेलिजेंस टीम द्वारा उठाया गया। इसके बाद मेजर सिंह और आकाशदीप सिंह को भी उठाया गया। उन्होंने कहा कि टीम ने उन पर आरोप लगाया कि उनके पास अवैध हथियार हैं। उन्हें मोगा के बस स्टैंड के पास स्थित एक दफ्तर में ले जाया गया,जहां उन्हें बुरी तरह पीटा गया। गग्गु ने आरोप लगाए कि उन्हें और मेजर सिंह को कम पीटा गया, लेकिन आकाशदीप सिंह के साथ बेहद क्रूरता की गई।
शाम को सरपंच की मौजूदगी में उनके परिवार से 30 हजार रुपये, मेजर सिंह के परिवार से 20 हजार रुपये और आकाशदीप सिंह से 10 हजार रुपये लिए गए, तब जाकर उन्हें छोड़ा गया। गग्गु ने बताया कि पिछले 18 दिनों से वे घर के बाहर ही रह रहे हैं, ताकि पुलिस दोबारा उन्हें न उठाए। उन्होंने मांग की कि आकाशदीप सिंह और उनके परिवार को न्याय मिलना चाहिए। आकाशदीप के पिता कुलदीप सिंह ने मांग की है कि जब तक सरपंच, पंचायत मेंबर और काउंटर इंटेलिजेंस के दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका परिवार अंतिम संस्कार नहीं करेगा। उन्होंने न्याय की मांग की है।सरकारी अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार, आकाशदीप को सांस की तकलीफ के कारण भर्ती किया गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत का असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा।