संगरूरः शेरपुर में एक कथावाचक पर फायरिंग का मामला सामने आया था। जिससे पुलिस ने ट्रेस करते सुलझा लिया है। एसएसपी सरताज सिंह चहल ने प्रेस कॉन्फ्रैंस में कई बड़े खुलासे किए है। एसएसपी सरताज सिंह ने बताया कि शेरपुर काकथावाचक सरकारी सुरक्षा लेना चाहता था ऐसे में कथा वाचक ने घर के बाहर खड़ी कार पर गोली से हमला करवाया था। बदले में हमलावरों को 1.20 लाख की राशि थी। पुलिस ने 4 आरोपियों को काबू कर कब्जे से एक पिस्तौल, 2 कारतूस और 50 हजार की नकदी भी बरामद की। जबकि मुख्य आरोपी कथा वाचक अभी फरार है।
एसएसपी सरताज सिंह चहल ने बताया कि मिलनजोत सिंह निवासी शेरपुर ने पुलिस को शिकायत थी कि 28 जुलाई को वह और उसका रिश्तेदार जसविंदर सिंह उर्फ जोबन अलग-अलग गाड़ियों में चंडीगढ़ से वापस शेरपुर आ रहे थे। जोबन सिंह के पास भी उसकी ही गाड़ी थी। इस दौरान वह रात करीब साढ़े 9 बजे शेरपुर पहुंच गया था। जबकि करीब 10 मिनट बाद जोबन भी आ गया था। जिसने आकर उनके घर का दरवाजा खटकाया। दरवाजा उसके पिता दर्शन सिंह ने खोला था।
जोबन सिंह ने उसे बताया कि उसके पीछे एक गाड़ी लगी हुई है। जिस पर उसने जोबन सिंह से कहा कोई बात नहीं वह देख लेते है। जिसके बाद बाहर से फायरिंग की आवाज आई। जब उन्होंने बाहर जाकर देखा तो उसकी स्विफ्ट कार के फ्रंट शीशे में ड्राइवर साइड फायर लगकर सीट में लगा हुआ था। पुलिस ने मिलनजोत के बयानों पर थाना शेरपुर में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
जांच के दौरान सामने आया कि कथा वाचक मिलनजोत सिंह ने सरकारी सुरक्षा लेने के लिए अपने सांडू जसविंदर सिंह के साथ साजिश रच कर आरोपी अचल सिंगला निवासी चंडीगढ़, पीयूष गुप्ता निवासी गिद्दड़बाह्य और मनीश कुमार उर्फ टीटू निवासी बठिंडा को 1.20 लाख देकर घटना को अंजाम दिलाया था।
जिसके बाद पुलिस ने उक्त मामले में पांचों आरोपियों को नामजद करने के बाद जसविंदर सिंह, अचल सिंगला, पीयूष गुप्ता व मनीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि मिलनजोत सिंह अभी फरार है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि घटना को अंजाम देने के लिए 1.50 लाख में सौदा किया गया जिसमें 1.20 लाख का भुगतान कर दिया गया था।