अमृतसरः पंजाब के सीमावर्ती जिलों के किसानों के लिए सरकार ने आज से कंटीली तार के पार जाकर खेती करने वाले किसानों के लिए गेट खोल दिए हैं। इस संबंध में ऐलान करते हुए कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि सरहद पर लगी कंटीली तार के पार खेती करते किसानों की मुश्किलें बीएसएफ अधिकारियों से सांझी की है। जिसके बाद उन्होंने किसानों के लिए आज से गेट खोलने का ऐलान किया है।
लेकिन दूसरी ओर बीएसएफ की समय पालन ना करने से किसानों ने नाराजगी पाई जा रही है। किसानों का कहना है कि बीएसएफ अधिकारियों ने सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक का समय दिया था, लेकिन गेट करीब 10 बजे ही खुलते हैं, जिससे हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं गांव मुहावा के किसानों का कहना है कि हमारे गांव के 3 गेट हैं, जिनमें से केवल गेट नंबर 109 खोला गया है, बाकी दोनों बंद हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये तीनों गेट खुल जाएं तो हमें खेती करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
गांव मुहावा के किसानों ने बताया कि लगभग 147 बीघा जमीन हमारे गांव की तारों पार है, जिसकी सिंचाई के लिए हमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि धान का मौसम आने वाला है, इसलिए किसानों को मजदूर भी महंगे मिलते हैं और बिजली की समस्या भी झेलनी पड़ती है। इस मुद्दे को लेकर आज गांव अमरकोट में सरहदी गांवों के किसानों ने बीएसएफ अधिकारियों से मांग की कि उन्हें तीनों गेट खोलकर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक पूरा समय दिया जाए।
अमृतसर में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर के बाद सरहदी गांवों के किसानों के लिए तारों पार खेती करना चिंता का विषय बन गया है। गांव मुहावा और आसपास के किसानों ने शिकायत की है कि बीएसएफ अधिकारियों द्वारा खेती के लिए सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक तारों पार जाने की अनुमति तो दी जाती है, लेकिन असल में गेट करीब 10 बजे ही खुलते हैं, जिससे उन्हें बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।