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Punjab News: लोक अदालत में आपसी सहमति से लोगों ने निपटाए झगड़े, देखें वीडियो

बठिंडा/मोगाः बठिंडा के कोट कॉम्प्लेक्स में आज लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान बड़े ही सौहार्दपूर्ण तरीके से बिना किसी अन्य तारीख और बहस के मामलों का मौके पर निपटारा किया गया। शहर में विभिन्न न्यायाधीशों की 20 पीठें स्थापित की गईं और 26,000 मामलों में से 20,000 मामलों का लोगों की आपसी सहमति से मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। जानकारी देते हुए बठिंडा के सेशन जज करुणेश कुमार ने बताया कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लोगों के अदालतों में लंबे समय से चल रहे मामलों का मौके पर ही निपटारा करना और अदालतों के चक्कर काटने से छुटकारा दिलाना है। इसी के चलते आज लोक अदालत में लोगों ने अपने-अपने मामले लगाए, जैसे घरेलू विवाद, तलाक, बैंक चेक बोनस के मामले, तथा अन्य कई प्रकार के मामले, जिनका निपटारा दोनों पक्षों को न्यायाधीश के सामने बैठाकर तथा उनकी सहमति से किया गया, तथा भविष्य में भी ऐसी लोक अदालतें आयोजित की जाएंगी। वहीं बठिंडा में लगी लोक अदालत में आए लोगों ने भी इसका भरपूर लाभ उठाया और इसे एक अच्छा कदम बताया।

दूसरी और मोगा में लगी लोक अदालत में लोगों ने बहुत उत्साह के साथ भाग लिया। मोगा में नेशनल लोक अदालत मेें 4800 से अधिक मामलों का निपटारा किया। इस लोक अदालत में कुल 16 बेंचों का गठन किया गया जिनमें स्थाई लोक अदालत, जन उद्योग सेवाएं मोगा, रैवनयु केसों और सेशन डिवीजन मोगा के अलावा बाघापुराना व निहाल सिंह वाला के लिए अलग-अलग बेंचें निर्धारित की गई हैं। लोक अदालत में लगभग 7600 केस विभिन्न बेंचों में सूचीबद्ध किए गए हैं, जिनमें 4800 से अधिक प्री-लिटिगेटेड और 2800 पेंडिंग केस शामिल हैं। इन मामलों में गंभीर किस्म के आपराधिक मामलों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के विवाद शामिल थे जिनका आपसी समझौते और सौहार्दपूर्ण माहौल में निपटारा किया जाएगा।

सेशन जज ने बताया कि लोक अदालत के जरिए आम लोगों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। जहां एक ओर विवादकारियों का समय और धन बचता है, वहीं आपसी भाईचारे को भी बढ़ावा मिलता है। खास बात यह है कि लोक अदालत में हुए निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं की जा सकती। इसके अतिरिक्त, मुफ्त कानूनी सहायता का लाभ लेने के पात्र व्यक्तियों में अनुसूचित जाति, महिलाएं, बच्चे, हिरासत में बंद व्यक्ति, मानसिक रोगी, दिव्यांगजन, एक लाख रुपये वार्षिक आय से कम आय वाले व्यक्ति, प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ित, बेघर व श्रमिक वर्ग के लोग शामिल हैं। प्रशासन ने आमजन को अपील की है कि ऐसी लोक अदालत में आकर लाभ उठाएं।

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