मोगाः शहर में आवारा कुत्तों द्वारा लोगों को काटे जाने की घटनाएं आम हो गई हैं। शहर में प्रतिदिन 5-6 मामले सामने आते हैं, जिससे लोग लगातार परेशान हैं। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए नगर निगम मोगा ने एक अहम कदम उठाते हुए बुकनवाला रोड पर एक एबीसी (Animal Birth Control) सेंटर की स्थापना की है। नगर निगम के सर्वे के अनुसार, मोगा शहर में फिलहाल करीब 5200 आवारा कुत्ते हैं। इस योजना के अंतर्गत 6 जून से नगर निगम की टीम प्रतिदिन शहर के विभिन्न वार्डों से 8 से 10 आवारा कुत्तों को पकड़कर इस सेंटर में लाती है। सबसे पहले कुत्तों की नसबंदी (Sterilization) की जाती है। इसके बाद तीन दिन तक उनका इलाज किया जाता है।
उन्हें एंटी रेबीज का टीका लगाया जाता है। इलाज और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उन्हीं की मूल जगह पर वापस छोड़ा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कुत्तों की आबादी पर नियंत्रण रहे और यदि कोई कुत्ता किसी को काटे तो वह रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी से सुरक्षित रहे। 6 जून से आज 9 जून तक शहर के अलग अलग वार्ड में से 32 के करीब आवारा कुत्ते को पकड़ कर इस सेंटर में लाया गया।आज मोगा नगर निगम मेयर बलजीत सिंह चानी और नगर निगम इंस्पेटर सुमन ने इस सेंटर का दौरा किया।
नगर निगम के मेयर बलजीत सिंह चानी ने जानकारी दी कि शहर की गलियों में घूमने वाले आवारा कुत्ते कई बार राहगीरों, विशेष रूप से अनजान लोगों को काट लेते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए बुकनवाला रोड पर एक एबीसी सेंटर स्थापित किया गया है। इस सेंटर में पकड़े गए कुत्तों की नसबंदी की जाती है। इसके बाद उन्हें तीन दिन तक चिकित्सा निगरानी में रखा जाता है, एंटी रेबीज के टीके लगाए जाते हैं और फिर उनकी मूल जगह पर वापस छोड़ा जाता है। सेंटर में डॉक्टरों की टीम इलाज और देखभाल का कार्य कर रही है।
नगर निगम की सेंट्री इंस्पेक्टर सुमन ने बताया कि मोगा शहर में कुल 5200 आवारा कुत्ते हैं, जो विभिन्न गली-मोहल्लों में घूमते हैं। इनकी पहचान और ट्रैकिंग के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है। जब नगर निगम की टीम कुत्तों को पकड़ती है, तो उनका फोटो ऐप पर अपलोड किया जाता है। नसबंदी किए गए कुत्तों के कान पर विशेष निशान भी लगाया जाता है, ताकि बाद में उनकी पहचान की जा सके। एबीसी सेंटर की शुरुआत 6 जून 2025 को की गई थी और 9 जून तक कुल 32 कुत्तों को सेंटर में लाकर उनका इलाज किया गया है। नगर निगम की टीमें प्रतिदिन इस काम में लगी हुई हैं और अनुमान है कि अगले छह महीनों में पूरा अभियान पूरा कर लिया जाएगा।