बठिंडाः जिले के गांव जीदा में 10 सितंबर को 2 बार धमाके हुए। इस घटना में बाप-बेटा गंभीर रूप से घायल हुए। इस मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि बम बनाते समय घायल हुए 19 वर्षीय गुरप्रीत सिंह को मानव बम के रूप में इस्तेमाल किया जाना था। वह मानव बम बनकर जम्मू-कश्मीर में घटना को अंजाम देना चाहता था। वहीं मंगलवार को एनआईए की टीम ने गुरप्रीत के घर का दौरा किया और वहां बम बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए केमिकल के नमूने लिए। इसके अलावा एनआईए ने AIIMS अस्पताल में घायल गुरप्रीत से पूछताछ भी की।
पुलिस के उच्च स्रोतों के मुताबिक गुरप्रीत से की गई पूछताछ में पता चला है कि वह मानव बम बनना चाहता था और इस लिए उसने पूरी तैयारी कर ली थी। उसने पहले ऑनलाइन साइटों से विस्फोटक सामग्री मंगवाई और बाद में एक बेल्ट मंगवाई, जिसमें बम बनाकर उसे पेट से बांधकर विस्फोट करना था। उसने विस्फोटक सामग्री के साथ-साथ उक्त बेल्ट भी ऑनलाइन ही खरीदी थी। वह जम्मू के सुरक्षा बल के कैंप पर हमला करना चाहता था। इस घटना को अंजाम देने के लिए घर से निकलने से पहले ही उसके घर में विस्फोट हो गया।
गुरप्रीत ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में जहाँ भी हथियारबंद बल मिलेंगे, वहां ही उसने विस्फोट करना था। जब उससे पूछा गया कि फौज तो बठिंडा में भी मौजूद है, इस पर गुरप्रीत ने कहा कि उसे किसी अन्य प्रदेश में तैनात फौज से कोई समस्या नहीं है। वहां मुस्लिम कश्मीरी लड़कियों के साथ दबदबा हो रहा है। यह भी पता चला है कि पुलिस ने कठुआ से दो व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, लेकिन किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की।
पूछताछ में एक और हैरान करने वाली बात सामने आई है कि आरोपी गुरप्रीत अभी हाल ही में आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर से प्रभावित हुआ था। बल्कि वह तत्वावधानिक समय पर उसके भाषण सुन रहा था। यही कारण था कि लगभग दो साल पहले वह साइकिल से पाकिस्तान जाना चाहता था, पर परिवार ने उसे पाकिस्तान नहीं जाने दिया। इसके बाद परिवार ने उसे नाना-नानी के घर भेज दिया।