चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर से सियासत गरमा गई है। दरअसल, नवजोत कौर पंजाब के गवर्नर से मुलाकात करने पहुंची। जहां उन्होंने गवर्नर से मुलाकात कर कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। जिसमें चंडीगढ़ के आसपास सरकारी जमीनों पर बने अवैध घरों को वैध करने का सवाल, पंजाब में खराब होती कानून व्यवस्था, पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव और गुरु तेग बहादुर के नाम पर दिल्ली रेलवे स्टेशन का नामकरण शामिल रहा।
इसके बाद मीडिया से बात करते हुए सिद्धू की राजनीति में वापसी को लेकर कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू तभी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे, जब उन्हें कोई स्पष्ट जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सिद्धू ने लोकल बॉडी मंत्री रहते हुए कई निवेश योजनाएं बनाई थीं, लेकिन हालात ऐसे बने कि वे आगे नहीं बढ़ सकीं। नवजोत कौर ने साफ कहा कि कांग्रेस में सीएम बनने की रेस में 5 नेता जुटे हुए हैं।
नवजोत कौर के अनुसार कांग्रेस में सीएम इन नेताओं के बीच शक्ति और संसाधनों की खींचतान साफ दिखती है। उन्होंने तंज करते हुए कहा हमारे पास 500 करोड़ नहीं हैं कि किसी को कुर्सी दिलाने के लिए दे दें। इस बयान को पार्टी के अंदर मौजूद कथित गुटबाजी और नेतृत्व संकट पर सीधी चोट माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम फेस बनाती है तो वह पूरी तरह तैयार हैं।
यह पूरा मामला पंजाब कांग्रेस की उस गहरी गुटबाजी को फिर सामने लाता है, जिसकी जड़ें कई वर्षों से पार्टी को कमजोर करती रही हैं। नवजोत सिंह सिद्धू जैसे करिश्माई नेता को 2022 के चुनावों में सीएम फेस नहीं बनाया गया था, बल्कि उनकी जगह चरणजीत सिंह चन्नी को आगे कर दिया गया और यही वह मोड़ था जब सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया।