अमृतसरः असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब से खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई से इनकार कर दिया। गौर हो कि सांसद अमृतपाल ने याचिका दायर कर 31 अक्टूबर को एनएसए लगाने का विरोध किया था। इस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजनिया की पीठ के समक्ष सुना गया, जहां कोर्ट ने सांसद के वकील से कहा कि आपको यहां आने से पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए। अदालत ने हाईकोर्ट को 6 सप्ताह के भीतर इस मामले की सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
दायर याचिका में भारत सरकार, पंजाब सरकार के अलावा अमृतसर के डीसी, अमृतसर के एसएसपी रूरल व सुपरिटेंडेंट डिब्रूगढ़ जेल को भी पार्टी बनाया गय था। अमृतपाल के वकीलों की दलील दी थी कि एनएसए लगाना उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है। उनकी हिरासत खत्म की जानी चाहिए। अमृतपाल की याचिका में यह भी मांग की गई थी कि उन्हें संसद सत्रों में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए, जिसे अब तक उनकी हिरासत के कारण रोका गया है। अमृतपाल की याचिका में यह भी कहा गया कि एक सांसद का कामकाज रोकना उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।
जिस हत्याकांड को लेकर सांसद अमृतपाल पर एनएसए बढ़ाई गई है, वह मामला 9 अक्टूबर 2024 का है। पुलिस की सीआईटी की जांच में हत्याकांड की साजिश में आतंकी अर्श डल्ला के साथ अमृतपाल का भी नाम सामने आया था। अमृतपाल अभी असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। अमृतपाल सिंह पर तीसरी बार एनएसए लगाया गया है। अमृतपाल सिंह के साथ उसके 9 अन्य साथी दो साल साथ रहे। लेकिन इस बार सभी 9 साथियों का एनएसए तो खत्म कर दिया गया, लेकिन सिर्फ अमृतपाल सिंह पर एनएसए एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया।
अमृतपाल सिंह 23 अप्रैल 2023 से हिरासत में है। गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही अमृतपाल पर एनएसए लगा दिया गया था। जिसके बाद असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया था। सरकार ने कहा कि अमृतपाल की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। जिसे 2-2 साल के लिए बढ़ाया भी गया। हालांकि अब अमृतपाल के 9 साथियों से 2 साल बाद एनएसए हटा लिया गया लेकिन अमृतपाल पर तीसरी बार एक और साल के लिए इसे बढ़ा दिया गया। इस वजह से अमृतपाल की जमानत से लेकर पंजाब वापसी मुश्किल हो रखी है।