चंडीगढ़ः पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के चाैथे दिन आज सदन में पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025 पर बहस हुई। जिसके बाद सदन में नशे के मुद्दों पर बहस हुई। इस दौरान जमकर हंगामा भी हुआ। मंत्री तरुणप्रीत सिंह के वक्तव्य के दौरान कांग्रेस ने विरोध किया। ये हंगामा इतना बढ़ गया कि बात गाली-गलौच तक पहुंच गई। कांग्रेस विधायक अवतार हैनरी जूनियर ने आरोप लगाया कि मंत्री तरुणप्रीत सिंह ने उनके परिवार पर नशा बेचने के आरोप लगाए हैं। जिसके बाद उन्होंने सदन में अप-शब्द कहे और ये भी कहा कि आगे भी बालूंगा। जिसे लेकर हंगामा शुरू हो गया। अंत में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने अवतार हैनरी के आधार पर माफी मांगी व मामला शांत किया।
वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बेअदबी बिल पर कहा कि सभी के सुझावों को देखते हुए बिल को सेलेक्ट कमेटी भेजकर लोगों के सुझाव लिए जाने चाहिए। इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। हर धार्मिक जत्थेबंदी के सुझाव लेने चाहिए। इसके लिए समयसीमा तय की जानी चाहिए। सभी राजनीतिक पार्टी को उस कमेटी में प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा ने कहा कि समिति 6 महीने के भीतर विधेयक पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इससे पहले विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह ने बेअदबी बिल पर चर्चा के दाैरान कहा कि 10 साल की सजा काफी नहीं है, इसे उम्र कैद में बदलना चाहिए। साथ ही बेअदबी की कोशिश पर भी तीन साल सजा काफी नहीं है। इसे भी बढ़ाया जाना चाहिए। भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म में बहुत भी व्यापक ग्रंथ हैं। सभी सनातन ग्रंथों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए। विपक्ष ने नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि बेअदबी पर तय सीमा में जांच करने का प्रावधान करनी चाहिए। 30 दिन का समय तय किया जाना चाहिए। अगर 30 दिन के अंदर जांच पूरी नहीं होती तो एसएसपी की अनुमति के बाद ही आगे 15 दिन का और समय दिया जाना चाहिए। इसके सिर्फ डीजीपी की अनुमति के बाद ही जांच का समय आगे बढ़ाया जाना चाहिए।