अमृतसरः श्री अकाल तख्त साहिब पर धार्मिक श्रद्धा और आस्था के साथ मीरी-पीरी दिवस मनाया गया। यह दिन उस पावन समय की याद में मनाया जाता है जब सिख इतिहास में धार्मिक और राजनीतिक अधिकारों का संयुक्त रूप से श्री अकाल तख्त की स्थापना हुई।
SGPC के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बताया कि गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने अकाल तख्त की स्थापना कर ‘मीरी ते पीरी’, धर्म और राज्य दोनों को एक साथ जोड़ा। यह उनके द्वारा खालसे को राजनीतिक शक्ति से जोड़ने का ऐतिहासिक कदम था, जिसका उद्देश्य लोगों की रक्षा और न्याय स्थापित करना था।
धामी ने कहा कि सतगुरु जी ने सिखों को आदेश दिया था कि वे अच्छे शस्त्र और घोड़े लेकर अकाल तख्त साहिब के सामने प्रस्तुत हों, ताकि वे आध्यात्मिकता के साथ-साथ जवाबदेही और बहादुरी में भी आगे बढ़ें। SGPC अध्यक्ष ने सबी को बधाई दी और अरदास की कि सिख पंथ सदैव मीरी-पीरी के मार्ग पर चलता रहे।