पठानकोटः जिले में हाल ही में आई बाढ़ ने भारत-पाक सीमा से लगे भोआ विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में तबाही मचा दी थी। प्राकृतिक आपदा के इस प्रभाव के बाद अब जहां हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, वहीं बाढ़ के बाद बीमारियों के फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है। इसी को देखते स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए बाढ़ प्रभावित गांवों में मेगा चिकित्सा शिविर लगाए हैं, जिनका उद्देश्य लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।
इस संबंध में पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और मंजरी जट्टां, फरवाल, बासु बरवान और रामकलवान गांवों में लगाए गए चिकित्सा शिविरों में पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और समाधान का आश्वासन दिया। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि बाढ़ के कारण लोगों का बहुत नुक्सान हुआ है। घरेलू सामान, दुकानें, पशुधन और फसलें सभी प्रभावित हुई हैं।
बाढ़ के बाद बीमारियां फैलने का डर बना रहता है, इसलिए सरकार ने तुरंत कदम उठाते प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए हैं। इन शिविरों में सैकड़ों लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई और मुफ़्त दवाइयां वितरित की गईं। स्थानीय लोगों ने सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना की और चिकित्सा सेवाएं मिलने पर संतोष व्यक्त किया। कटारूचक ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है तथा आने वाले दिनों में भी इस तरह के और शिविर लगाए जाएंगे।