फरीदकोटः बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के अधीन चल रहे गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के डॉक्टरों में इन दिनों भारी निराशा पाई जा रही है। डॉक्टरों में इस बात को लेकर रोष है कि आए दिन कथित शरारती तत्व जीजीएस मेडिकल स्टाफ के वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करके झूठी अफवाह फैलाते हैं, जिससे न केवल मेडिकल स्टाफ का मनोबल गिरता है, बल्कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी और गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की छवि भी खराब होती है।
इन सबको ध्यान में रखते हुए जीजीएस मेडिकल के मेडिकल स्टाफ ने आज 2 घंटे की सांकेतिक हड़ताल की और रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से बाबा फरीद यूनिवर्सिटी और जीजीएस मेडिकल को शरारती तत्वों ने निशाना बनाया हुआ है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में कोई भी व्यक्ति आता है और वीडियो बनाकर पोस्ट कर देता है और मेडिकल कॉलेज को बदनाम करता है, जोकि वास्तविक सच्चाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि न तो यहां आए मरीज और न ही उनके साथ आए परिजन किसी प्रकार की शिकायत करते हैं, बल्कि बाहरी लोगों द्वारा लगातार इस संस्थान को निशाना बनाया जा रहा है और फर्जी वीडियो वायरल करके संस्थान की छवि को खराब किया जा रहा है, जिसको लेकर आज उन्होंने सरकार को 2 घंटे की सांकेतिक हड़ताल और 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि सरकार ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे और अब तक वायरल की गई सभी फर्जी वीडियो को डिलीट करवाए, अन्यथा संघर्ष तेज किया जाएगा।
डॉक्टरों द्वारा की गई 2 घंटे की सांकेतिक हड़ताल व विरोध प्रदर्शन के दौरान हलका विधायक गुरदित सिंह सेखों विशेष रूप से डॉक्टरों से बातचीत करने के लिए पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की समस्याओं को सुना तथा उनसे उनकी समस्याओं के संबंध में ज्ञापन भी प्राप्त किया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार उनके साथ खड़ी है तथा किसी को भी माहौल खराब करने या यूनिवर्सिटी व मेडिकल अस्पताल की छवि को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की सभी मांगों को पंजाब के माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा तथा उनका सार्थक समाधान किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी व जीजीएस मेडिकल के खिलाफ लगातार कार्रवाई करने वाला व्यक्ति न तो आम आदमी पार्टी का नेता है और न ही उसके पास कोई अन्य पद है। सिर्फ फोटो डालने व सोशल मीडिया पर चिल्लाने से कोई लोगों का नेता नहीं बन सकता। लोगों का नेता बनने के लिए लोगों के बीच जाकर उनकी बात सुननी पड़ती है और उनका दुख समझकर उनका हल करवाना पड़ता है।