लुधियानाः शहर स्थित सेंट्रल जेल में तैनात एक मेडिकल अधिकारी और एक टेक्नीशियन को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दोनों जेल के भीतर नशा सप्लाई करने का रैकेट चला रहे थे और इसके बदले परिजनों से UPI के माध्यम से पैसे वसूलते थे। थाना डिवीजन नंबर 7 की पुलिस मामले की जांच कर रही है। गिरफ्तारी के बाद जेल में तैनात आधा मेडिकल स्टाफ फरार बताया जा रहा है। आरोपियों की पहचान डॉ. प्रिंस (मेडिकल ऑफिसर) और जसपाल शर्मा (टीबी टेक्नीशियन) के रूप में हुई है। यह कार्रवाई एक महीने की जांच के बाद की गई।
जांच अधिकारी ASI दिनेश कुमार के अनुसार, 27 अक्टूबर को जेल स्टाफ को हवालातियों से 117 नशीले कैप्सूल और 3 मोबाइल फोन बरामद हुए थे। इसके बाद डिप्टी सुपरिंटेंडेंट जगजीत सिंह की शिकायत पर एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 और जेल एक्ट की धारा 52A (1) के तहत FIR दर्ज की गई थी। पुलिस ने हवालाती रवि कुमार, अमनदीप कुमार, अजय कुमार, उबैद मसीह और गुलशन को गिरफ्तार किया था।
हवालाती से पूछताछ में डॉ. प्रिंस और टेक्नीशियन जसपाल शर्मा के नाम सामने आए। पुलिस ने दोनों को निगरानी में लेकर बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि दोनों इनमेट्स को नशा पहुंचाने के बदले उनके परिजनों से UPI के जरिए पैसे लेते थे और कई बार इलाज के नाम पर उन्हें सिविल अस्पताल रेफर कर पैसे वसूलते थे। ASI ने बताया कि आरोपियों के बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन मिले हैं। जांच के दौरान और लोगों के संलिप्त होने की आशंका है। वहीं 17 जनवरी 2024 को भी असिस्टेंट जेल सुपरिंटेंडेंट गगनदीप शर्मा और सतनाम सिंह को इसी तरह के ड्रग सप्लाई रैकेट में गिरफ्तार किया गया था। वे भी इनमेट्स से UPI के माध्यम से पैसे ले रहे थे।