चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार मजीठिया के खिलाफ बयान दर्ज करवाने को लेकर पूर्व डीजीपी सहमत हो गए है। दरअसल, ड्रग्स मामले की जांच में पंजाब के पूर्व डीजीपी सदाचार चौटोपाध्या भी शामिल हो रहे हैं। पूर्व डीजीपी ने विजीलेंस विभाग में अपना बयान दर्ज कराने के लिए सहमति दे दी है।
कहा जा रहा है कि दूसरी तरफ मजीठिया के खिलाफ एक और केस दर्ज दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। जांच टीम ने मजीठिया के खिलाफ अधिकारियों को धमकाने, धक्कामुक्की करने, सबूत मिटाने की साज़िश करने और समर्थकों को हमले के लिए उकसाने की शिकायत दी है। विजिलेंस टीम के पास उस घर में केस से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों के होने की सूचना थी। ऐसे में जानबूझकर उस जगह की तलाशी रोकने के लिए समर्थकों को भडकाया गया। विजिलेंस टीम को सबूत इकट्ठा करने से रोकने के लिए टीम पर हमला कराया गया।
विजीलेंस विभाग ने पूर्व डीजीपी चौटोपाध्या को मजीठिया के खिलाफ चल रही जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था। बताया जा रहा हैकि आज दोपहर 2 बजे वह चंडीगढ़ के पंजाब पुलिस ऑफिसर इंस्टिट्यूट में विजीलेंस अधिकारियों के सामने अपना बयान दर्ज करवाएंगे। बता दें कि चौटोपाध्या के डीजीपी रहते समय बिक्रम मजीठिया के खिलाफ ड्रग मामले की जांच शुरू हुई थी। माना जा रहा है कि पूर्व डीजीपी चौटोपाध्या मजीठिया के ड्रग कारोबार से जुड़े कई अहम खुलासे कर सकते हैं।