अमृतसरः अजनाला के गांव चाहड़पुर में रावी नदी के पानी के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि नदी का बहाव इतना तेज है कि 10-10 फुट तक किनारे टूट रहे हैं और बहुत सारी खेती-योग्य जमीन पानी के नीचे आ गई है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि कई किसानों की जमीन नदी के दो हिस्सों में बंट गई है। एक किसान ने बताया कि उसकी 33 किले में से आधी जमीन नदी के उस पार रह गई है। अन्य किसानों ने भी अपने नुकसान के बारे में गहरी चिंता जताई और कहा कि मुआवजे के बावजूद सरकार की ओर से कभी भी कोई सही समाधान नहीं किया गया।
सरवन पंधेड़ ने कहा कि सरकार की ओर से कोई अधिकारी या टीम हालात का जायजा लेने नहीं आई। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत अस्थायी पुल बनाए, ताकि किसान अपनी रेत हटा सकें और खेती-बाड़ी का काम फिर से शुरू कर सकें। उन्होंने कहा कि जब सरकार रेत बेचने का अधिकार अपने पास रखती है तो उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह किसानों की जमीन बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई करे।
पंधेड़ ने पंजाब के धार्मिक जत्थेबंदियों, सामाजिक संस्थाओं और सेवा संस्थाओं से अपील की कि इस संकट की घड़ी में किसानों की मदद के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि जब पुल बन जाएं तो ट्रैक्टरों और डीजल की सहायता से नदी के किनारे की रेत हटाई जाए ताकि आने वाली गेहूं बोने की प्रक्रिया समय पर हो सके।