मोहालीः लॉरेंस बिश्नोई के जेल में इंटरव्यू मामले में मोहाली कोर्ट ने पॉलीग्राफ टेस्ट कराने वालों पुलिसकर्मियों के आवेदन को खारिज कर दिया। अब एसआईटी जल्द ही इन कर्मचारियों का पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती है। इससे पहले पुलिसकर्मियों के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अदालत ने पहले अनुमति दी थी, लेकिन अब उन पुलिसकर्मियों ने टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है। वहीं आज हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने वाले पुलिसकर्मियों के आवेदन को खारिज कर दिया है।
लॉरेंस बिश्नोई मामले में अब इन पुलिस कर्मियों के पॉलीग्राफ टेस्ट होने के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी। जिसमें पता लग पाएंगा कि किसके दबाव में या किसके कहने पर इन पुलिसकर्मियों ने लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू एक निजी चैनल को करवाया था। उम्मीद है कि इस पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद बड़े खुलासे होंगे और कई उच्च अधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं। क्योंकि लॉरेंस बिश्नोई जैसे खतरनाक गैंगस्टर का जेल में इंटरव्यू करवाने में किसी छोटा कर्मचारी का हाथ नहीं हो सकता। लॉरेंस बिश्नोई को मोबाइल फोन किसने उपलब्ध कराया तथा बिश्नोई के लिए इंटव्यू वाला कमरा किसने तैयार किया यह सारी परतें जल्द खुलकर सामने आ सकती है।
इस मामले में पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने के लिए सहमति जताने वाले 6 पुलिस मुलाजिमों में मुख्तियार सिंह, कांस्टेबल सिमरनजीत सिंह, कांस्टेबल हरप्रीत सिंह, कांस्टेबल बलविंदर सिंह, कांस्टेबल सतनाम सिंह और कांस्टेबल अमृतपाल सिंह ने पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने के लिए अपनी सहमति जताई थी और उनके बयान दर्ज किए गए थे। जांच एजेंसियों को संदेह है कि जेल के अंदर हुआ इंटरव्यू सुरक्षा व्यवस्था में अंदरूनी मिलीभगत के बिना संभव नहीं था। ऐसे में यह पॉलीग्राफ टेस्ट यह पता लगाने के लिए कराया जाना है कि जेल स्टाफ या पुलिस मुलाजिमों में से किसी ने लॉरेंस बिश्नोई को मीडिया तक पहुंचाने में कोई मदद तो नहीं की।