फरीदकोटः जिले के गांव चंदभान में पानी की निकासी को लेकर 2 पक्षों के बीच तनातनी के बीच मजदूरों से जुड़े पक्ष के धरने को जबरन उठवाने के दौरान उनका पुलिस के साथ टकराव हुआ था। जिसमें पुलिस ने मजदूरों के खिलाफ केस दर्ज करके 41 मजदूरों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि देर रात प्रशासन और कमेटी से बातचीत के बाद मजूदरों को प्रशासन द्वारा रिहा करने का आश्वासन दिया गया।
भले ही इसके बाद मजदूर संगठन ने एसएसपी के दफ्तर का घेराव करने का ऐलान स्थगित कर दिया है, लेकिन संगठनों द्वारा स्थानीय बास्केट बॉल मैदान में एक विजय रैली आयोजित की गई, जिसमें पंजाब भर से बड़ी संख्या में मजदूरों ने भाग लिया और गांव चंदभान के दलित मजदूरों के परिवारों के खिलाफ पुलिस द्वार की गई कार्रवाई का विरोध किया। इस मौके पर फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा भी अचानक रैली में पहुंचे। सासंद द्वारा मंच पर पहुंचते ही एक्शन कमेटी के नेता गुरपाल सिंह नंगल ने सासंद सरबजीत सिंह खालसा का विरोध किया गया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि सासंद से कहा कि आपने आज तक इस मामले में एक भी शब्द नहीं बोला और न ही पीड़ित परिवारों का हाल जानने वह गांव में पहुंचे। इसलिए एक्शन कमेटी आपको यहां आने की इजाजत नहीं दे सकती। यह सुनते ही सांसद सरबजीत सिंह खालसा अपने साथियों के साथ वहां से चले गए। मामले की जानकारी देते हुए सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि वह संसद सत्र के चलते दिल्ली में थे, इसलिए वह पहले यहां पर नहीं आ सके। उन्होंने कहा कि आज वे घटनाओं की जानकारी लेने और पीड़ितों का हाल जानने आए थे, लेकिन उन्होंने उन्हें शामिल नहीं होने दिया गया। सासंद ने कहाकि जब उन्हें संगठन द्वारा शामिल नहीं होने दिया गया तो वह उनका मामला कैसे उठाएं।