अमृतसरः पनबस और PRTC कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन की ओर से दूसरे दिन भी अपना प्रदर्शन जारी रखा गया। इस दौरान किसान-मज़दूर संघर्ष कमेटी ने प्रदर्शन कर रहे बस कर्मियों को अपना पूरा समर्थन दिया। किसान नेताओं और वर्करों ने पहले अमृतसर बस स्टैंड के आसपास नारेबाजी की। उसके बाद एक मार्च निकालकर पंजाब रोडवेज की वर्कशॉप तक पहुंचे, जहां साझा धरना दिया गया।
PRTC कॉन्ट्रैक्ट यूनियन के पंजाब राज्य संयुक्त सचिव योद्धा सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से 28 नवंबर को खोलने वाले टेंडरों को शुरू से ही रद्द करने की मांग की जा रही थी, पर इस पर सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि 28 को शांतिपूर्ण गेट रैली के समय यूनियन की नेतृत्व को अचानक घरों से गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके विरोध में डिपो समितियों ने हड़ताल शुरू कर दी।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार निजीकरण की नीति वापस नहीं लेती और मांगे लेकर गंभीर बातचीत नहीं करती तो संघर्ष और तेज किया जाएगा। जिसमें पंजाब भर के किसान, विद्यार्थी और तकनीकी संगठनों भी शामिल होंगे। किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता जर्मनजीत सिंह ने कहा कि समिति बस कर्मचारियों की मांगों का पूरा समर्थन करती है।
मुख्य मांगों में रोडवेज में स्थायी भर्ती शुरू करना, ठेके पर भर्ती बंद करना, ठेकेदार कर्मचारियों को स्थायी करना, एक किलोमीटर स्कीम वाले टेंडर को रद्द करना और गिरफ्तार कामगारों को तत्काल रिहा करना शामिल हैं। दोनों संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार तुरंत बातचीत शुरू कर मांगों का समाधान नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में संघर्ष को पंजाब स्तर पर और बड़े पैमाने पर फैलाया जाएगा।