यात्रा रद्द होने से फौजी नहीं कर सका ड्यूटी ज्वाइन
अमृतसरः श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आज फिर इंडिगो एयरलाइंस के यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। दरअसल, शनिवार को कुल 26 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का शेड्यूल था। लेकिन संचालन की स्थिति बेहद सीमित रही। सिर्फ 2 फ्लाइट्स उड़ान भर सकीं और 2 फ्लाइट्स ही लैंड हो सकीं। बाकी अधिकांश उड़ानें रद्द या री-शेड्यूल रहीं। शारजाह के लिए निर्धारित एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान भी प्रभावित हुई। कई यात्रियों ने बताया कि जब वे हवाई अड्डे पहुंचे तो उन्हें अचानक संदेश मिला कि उनकी उड़ान रद्द कर दी गई है।
इस अचानक निर्णय से यात्रियों की यात्रा योजना पूरी तरह से तहस-नहस हो गई। यात्रियों का कहना है कि इंडिगो एयरलाइन पायलट और स्टाफ की कमी से जूझ रही है, जिसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है। कई लोग दिन भर हवाई अड्डे के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें न तो उड़ान के बारे में उचित जानकारी मिल रही है और न ही रिफंड के बारे में कोई साफ जवाब दिया जा रहा है।
एक फौजी यात्री ने बताया कि उसने कल त्रिपुरा में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करनी थी, लेकिन उड़ान रद्द होने के कारण वह समय पर नहीं पहुंच सका। उसने कहा कि फौजी जवानों के लिए समय बहुत कीमती होता है और ऐसी लापरवाही सेवा पर भी असर डालती है। एक और यात्री तुषार ने बताया कि उसका बेंगलुरु जाने का प्रोग्राम था, लेकिन हवाई अड्डे पहुंचकर पता लगा कि उसकी उड़ान रद्द हो चुकी है। इसीलिए उसे वित्तीय और मानसिक दोनों तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कर्नाटक से आए यात्रियों ने कहा कि वे अमृतसर कॉन्फ्रेंस के लिए आए थे और वापसी के लिए दो दिन से फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली के रास्ते वहां बेंगलुरु जाना था और पहले ही 20 हजार रुपये की कैब बुक कर रखी थी, जिससे अतिरिक्त खर्चा झेलना पड़ रहा है। यमुनानगर के रवनीत सिंह ने बताया कि उसे उदयपुर जाना था। वह सिर्फ़ उड़ान की जानकारी लेने आया था, लेकिन यहां पता लगा कि कई उड़ानें रद्द हैं। उसने कहा कि यदि पहले जानकारी मिल जाती तो वह सड़क मार्ग ही चल देता।
तामिलनाडु से आए डॉक्टर दिनेश ने कहा कि वे कॉन्फ्रेंस के लिए अमृतसर आए थे, लेकिन वापसी की उड़ान रद्द होने के कारण मुश्किल में फंस गए हैं। ऊपर से बदलती उड़ानों के दाम भी काफी बढ़ चुके हैं। यात्रियों ने इंडिगो प्रबंधन से माँग की है कि सही, समय पर जानकारी और रिफंड प्रक्रिया स्पष्ट की जाए, ताकि लोगों को बेवजह मुश्किलें न झेलनी पड़ें।