अमृतसर। अटारी-वाघा बॉर्डर पर एक भावुक घटना देखने को मिली। भारत सरकार ने तीन पाकिस्तानी कैदियों को रिहा किया है। इन्हीं में से एक हैं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले मोहम्मद इकबाल, जो लगभग 30 साल से भारत की जेलों में बंद थे। मोहम्मद इकबाल की आँखों में खुशी और भावनाओं के आँसू थे।
18 साल की उम्र में पकड़ा गया था मोहम्मद इकबाल
मोहम्मद इकबाल की गिरफ्तारी तब हुई जब वह सिर्फ 18 साल के थे। उन्हें गुरदासपुर में 10 किलो हेरोइन के साथ पकड़ा गया था। इस मामले में कोर्ट ने उन्हें 30 साल की सजा सुनाई। पहले वे गुरदासपुर जेल में रहे और बाद में सजा काटने के लिए राजस्थान जेल भेज दिया गया।
इकबाल का दर्द भरा बयान आया सामने
मीडिया से बात करते हुए इकबाल ने कहा कि उनकी जिंदगी के कीमती 30 साल जेल की ऊँची दीवारों के अंदर ही खत्म हो गए। उन्होंने बताया कि वह लालच के चक्कर में गलत रास्ते पर चले गए, और इसी वजह से उनकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई। उन्होंने कहा-आज का दिन मेरे लिए ईद जैसा है। 30 साल बाद अपने घर लौट रहा हूँ, इस खुशी को शब्दों में नहीं बता सकता।
परिवार बिखर गया, पत्नी ने छोड़ा साथ
इकबाल ने बताया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी भी उन्हें छोड़कर चली गईं। 30 साल की सजा ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी। अब वे चाहते हैं कि युवा कभी लालच में फंसकर गलत काम न करें।
दोनों देशों की सरकारों से अपील
इकबाल ने कहा कि भारत सरकार का वह दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने दोनों देशों से अनुरोध किया—जिन कैदियों की सजा पूरी हो चुकी है, उन्हें इंसानियत के आधार पर रिहा किया जाना चाहिए।
प्रोटोकॉल ऑफिसर अरुण महल का बयान
इस मौके पर भारतीय प्रोटोकॉल ऑफिसर अरुण महल ने जानकारी दी कि कुल तीन पाकिस्तानी कैदियों को छोड़ा गया है। दो कैदी राजस्थान जेल से, और एक कैदी दिल्ली पुलिस की हिरासत से लाया गया है उनके कस्टम, इमिग्रेशन और सभी दस्तावेज पूरे होने के बाद उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स के हवाले कर दिया जाएगा।
बॉर्डर पर दिखा भावुक पल
अटारी-वाघा बॉर्डर पर माहौल बहुत मानवीय और भावुक था। 30 साल बाद अपने देश लौट रहे मोहम्मद इकबाल की आँखों में खुशी और भावनाओं के आँसू थे। उन्होंने फिर कहा— मेरे लिए यह दिन ईद से भी बड़ा है।