बठिंडाः पंजाब के विभिन्न जिलों में प्रवासी मजदूरों के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में बठिंडा जिले के गैरी भागी गांव की पंचायत, ग्रामवासी, किसान यूनियन और स्थानीय संगठनों ने मिलकर प्रवासी मजदूरों के खिलाफ एक मता पास किया है। यह मता 14 सितंबर को पारित किया गया। जिसमें प्रवासी मजदूरों के गांव में रहने, बसने और उनके दस्तावेजों को लेकर कुछ सख्त शर्तें तय की गई हैं।
मते के अनुसार प्रवासी मजदूर गांव में न तो जमीन ले सकेंगे और न ही मकान बना सकेंगे। प्रवासी मजदूरों का वोटर ID और आधार कार्ड गांव में नहीं बनेगा। मजदूरों को गांव के बाहर खेतों में या मोटर पर ठहराया जाएगा। अगर कोई किसान मजदूर को गांव में रुकने की अनुमति देता है, तो वह खुद उसकी पूरी जिम्मेदारी लेगा। गांव में आने वाले सभी मजदूरों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी होगी।
यह कदम हाल ही में होशियारपुर में हुए एक दर्दनाक मामले के बाद उठाया गया है, जहां एक 5 साल के मासूम बच्चे का पहले अपहरण हुआ और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना में प्रवासी मजदूरों की संलिप्तता की आशंका ने ग्रामीणों के बीच रोष बढ़ा दिया है। जिसके चलते कई गांवों में प्रवासियों के खिलाफ इस प्रकार के प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं।