अमृतसरः शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की चुनाव प्रक्रिया को लेकर आज शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के नेता इमान सिंह मान ने शिरोमणि समिति कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए मांग की कि ये चुनाव तुरंत रोके जाएं। उनका कहना है कि गलत तरीके से चुनाव हो रहे हैं। मीडिया से बातचीत में मान ने कहा कि पिछली शिरोमणि समिति की चुनाव 2011 में हुई थीं, उसके बाद 14 साल बीत गए लेकिन नई चुनाव नहीं करवाई गईं। उनका कहना था कि केंद्र और प्रशासन ने सिखों की लोकतांत्रिकता को खत्म कर दिया है।
मान ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि “जिस तरह महंतों ने गुरु तेग बहादुर साहिब जी को दरवाज़ों से वंचित कर दिया था, आज संगत को भी शिरोमणि समिति से वंचित किया जा रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव बिना किसी चुनाव आयुक्त के कराए जा रहे हैं, जो पूरी तरह गैरकानूनी कदम है। उन्होंने कहा कि चुनावों के लिए वोटर सूचियां पिछले 3 वर्षों से तैयार नहीं की गईं, और केंद्र ने नया चुनाव आयुक्त भी नियुक्त नहीं किया। मान ने कहा कि जब लोकसभा और विधानसभा की सूचियां हर साल अपडेट होती हैं, तो फिर सिख संस्थाओं के चुनाव क्यों टाले जा रहे हैं?
इमान सिंह मान ने आरोप लगाया कि भारत खुद को सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश बताता है, लेकिन सिखों के लोकतांत्रिक अधिकारों का सफाया किया जा रहा है। उन्होंने गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत को याद करते हुए कहा कि “जिस कल्याण के लिए गुरु ने अपना जीवन न्योछावर किया, उसी समुदाय को आज गुलामी में धकेला जा रहा है।” उन्होंने कहा कि सिखों को धारा 25 के तहत हिंदू धर्म का हिस्सा बताना सिखी की असली पहचान मिटाने के बराबर है। मान ने दावा किया कि सरकारें सिख धर्म और उसकी लोकतांत्रिकता को समाप्त करने की साजिश में हैं।