चंडीगढ़: पंजाब में चल रही लैंड पुलिंग स्कीम को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। एक और सरकार द्वारा इस स्कीम को किसानों के हित में बताया जा रहा है, लेकिन दूसरी ओर किसान इसका विरोध कर रहे है। वहीं आज इस स्कीम को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जहां कोर्ट ने इस स्कीम पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई कल होगी, जिसमें पंजाब सरकार को अपनी योजना का बचाव करना होगा।
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BREAKING NEWS: High Court Stays Land Pooling Scheme in Punjab
यह फैसला 102 याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया है। जिनकी लगभग 250 एकड़ जमीन इस योजना के तहत ली जाने वाली थी। याचिकाकर्ताओं के वकील चरणजीपाल सिंह बागड़ी ने बताया कि उच्च न्यायालय ने खास तौर पर उस जमीन पर रोक लगाई है जिसका उल्लेख उन्होंने अपनी याचिका में किया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले के अलावा एक और अलग याचिका भी विचाराधीन है।
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ਪੰਜਾਬ ਹਰਿਆਣਾ ਹਾਈ ਕੋਰਟ ਨੇ ਅਗਲੇ ਹੁਕਮਾਂ ਤੱਕ ਲੈਂਡ ਪੂਲਿੰਗ ਨੀਤੀ ‘ਤੇ ਲਗਾਈ ਰੋਕ
अदालत ने पंजाब सरकार से कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने को कहा है। अदालत ने पूछा है कि क्या इस नीति को लागू करने से पहले वातावरण और सामाजिक प्रभावों का मूल्यांकन किया गया था? इसके अलावा, अदालत ने यह भी पूछा है कि क्या इस नीति में भूमिहीन मजदूरों और अन्य लोगों के पुनर्वास के लिए कोई व्यवस्था है, जो अपनी राशन-रोटी के लिए इस जमीन पर निर्भर हैं।
सरकार ने अदालत को भरोसा दिया है कि अगली सुनवाई तक इस नीति के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई जल्द होने की संभावना है। लैंड पुलिंग स्कीम के तहत किसानों की जमीनें एकत्र कर सरकार शहरी विकास के लिए इस्तेमाल करना चाहती है। सरकार का कहना है कि इस योजना में किसानों को भी हिस्सेदारी दी जाएगी और उन्हें फायदा होगा।
लेकिन किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन जबरदस्ती ली जा रही है और यह सीधे तौर पर जमीन अधिग्रहण जैसा है। इस योजना को लेकर राज्य में विरोध की लहर है। किसान संगठनों ने इसे किसान विरोधी करार देते हुए सरकार से स्कीम वापिस लेने की मांग की है। अब सभी की निगाहें हाईकोर्ट की कल होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि यह योजना आगे बढ़ेगी या नहीं।