चंडीगढ़ः शिरोमणि अकाली दल के नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने बिक्रम मजीठिया की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर हाई कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया। हाई कोर्ट ने मजीठिया को फिलहाल जेड प्लस सुरक्षा देने इनकार कर दिया है। वहीं मजीठिया के वकील की दलीलों पर हाईकोर्ट ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। उनकी सुरक्षा को फिर से रिव्यू करने के लिए पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। हाई कोर्ट ने एडीजीपी को खुद इस मामले में सुरक्षा की समीक्षा करने को कहा।
ऐसे में ADGP सुरक्षा की जांच करेंगे और अगर उन्हें जरूरत पढ़े तो वह केंद्र से भी इनपुट ले सकते हैं। पंजाब के पुलिस प्रमुख हाई कोर्ट को इसकी जानकारी देंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मजीठिया की सुरक्षा को लेकर कोई चूक न हो और यथोचित स्तर की सुरक्षा प्रदान की जाए। अदालत ने इस मामले को पूरी संजीदगी से लेते हुए अगली सुनवाई की तारीख 2 मई 2025 तय की है। अगर सुरक्षा समीक्षा में यह पाया जाता है कि मजीठिया को वास्तविक खतरा है, तो उनकी सुरक्षा श्रेणी को बढ़ाया जा सकता है।
लेकिन फिलहाल अदालत ने कोई भी त्वरित राहत नहीं दी है और सारी प्रक्रिया को प्रशासनिक और जांच एजेंसियों पर छोड़ दिया है। इससे पहले अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को मिली जेड प्लस सिक्योरिटी वापस ले ली गई थी। इसके बाद एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मजीठिया ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। मजीठिया ने वीडियो शेयर कर सीएम भगवंत सिंह मान पर निशाना साधा था। मजीठिया ने कहा था कि उनके खिलाफ ड्रग्स मामले को लेकर बनाई गई विशेष जांच समिति (SIT) की अध्यक्षता खुद मान को करनी चाहिए। एसआईटी के मेंबर्स के तौर पर विजय नायर और वैभव कुमार को लेना चाहिए।