मोहाली: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में नामजद पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत और उनके पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में दर्ज मामले में उनके पुत्र गुरप्रीत सिंह ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। अदालत ने मौके पर ही उसकी जमानत मंजूर कर ली है और धर्मसोत की पत्नी शीला देवी तथा दूसरे पुत्र हरप्रीत सिंह को 30 सितंबर को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किए गए हैं।
विजिलेंस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत द्वारा आय और खर्च का चार्ट 1 मार्च 2016 से 31 मार्च 2022 तक की जांच अवधि के संबंध में संपत्ति का पता लगाने के लिए तैयार किया गया था, जिसके अनुसार साधु सिंह धर्मसोत और उनके पारिवारिक सदस्यों ने इस दौरान 2,37,12,596 रुपये की आय प्राप्त की। इस जांच अवधि के दौरान 8,76,30,888.87 रुपये खर्च किए गए। इस प्रकार धर्मसोत और उनके पारिवारिक सदस्यों ने अपनी आय के स्रोतों से अधिक 6,39,18,292.39 रुपये व्यय किए हैं और इस प्रकार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(2) के साथ 13(2) के तहत कथित अपराध किए गए हैं।
जांच के दौरान यह भी रिकॉर्ड पर आया है कि प्रतिवादी और उनके पारिवारिक सदस्यों ने अपने नाम पर संपत्तियां एकत्र की हैं, जो कथित तौर पर उनकी ज्ञात आय के अनुपात में कम हैं। आरोपों के अनुसार साधु सिंह धर्मसोत के पुत्र हरप्रीत सिंह ने जी.एम. नागपाल के पुत्र राज कुमार से 500 वर्ग गज़ का एक प्लॉट 25,00,000 रुपये की दर से खरीदा है, जिसे उसने अपने बैंक खाते से उक्त विक्रेता राज कुमार को भुगतान किया था।
मोहाली में ऐसी संपत्तियों का कलेक्टर रेट 20,000 रुपये प्रति वर्ग गज़ है, जो ऐसे 500 वर्ग गज़ के प्लॉट के लिए 1,00,00,000 रुपये बनता है, लेकिन हरप्रीत सिंह ने इसे केवल 25,00,000 रुपये की बहुत कम दर पर खरीदा, जो शक को और बढ़ाता है। धर्मसोत के दूसरे पुत्र गुरप्रीत सिंह द्वारा खरीदे गए 500 वर्ग गज़ के प्लॉट के संबंध में भी यही मामला सामने आया है, जो संदेहास्पद जमीन खरीद सौदे जैसा प्रतीत होता है।