चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने अब सरपंचों और पंचों के विदेश जाने पर नया नियम लागू कर दिया है। इस नियम के तहत कोई भी सरपंच या पंच अब सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकेगा। राज्य सरकार ने इस नई नीति को लागू करने के लिए जिला विकास और पंचायत अधिकारियों को पत्र भेजा है। इसके अलावा अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नरों (ADC) को भी आदेश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में इस नियम को सख्ती से लागू करवाएं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
सरकार के मुताबिक, पंजाब के बहुत से सरपंचों और पंचों के परिवार विदेशों में रहते हैं। कई बार सरपंच या पंच विदेश चले जाते हैं, जिससे गांव के जरूरी काम और विकास योजनाएं अधूरी रह जाती हैं। इससे ग्रामीणों को परेशानी होती है।इसी वजह से सरकार ने फैसला किया है कि अब सरपंच या पंच विदेश जाने से पहले अनुमति लेंगे ताकि गांव का कामकाज प्रभावित न हो।
पंजाब में कितने सरपंच और पंच हैं
पंजाब में इस समय करीब 13,238 सरपंच और 83,437 पंचायत सदस्य (पंच) हैं। अब ये सभी लोग सरकार के इस नए आदेश के तहत आएंगे और उन्हें विदेश यात्रा से पहले अनुमति लेनी होगी।
कैसे लेनी होगी अनुमति?
जैसे सरकारी अधिकारी या कर्मचारी विदेश जाने से पहले “एक्स-इंडिया लीव (Ex-India Leave)” के लिए आवेदन करते हैं, उसी तरह सरपंच और पंचों को भी पहले से आवेदन देकर इजाजत लेनी होगी। जब तक अनुमति नहीं मिलती, वे विदेश नहीं जा सकेंगे।
सरपंच की गैरहाजिरी में गांव का काम कैसे चलेगा
अगर कोई सरपंच विदेश जाता है, तो उसकी जगह एक पंच को अस्थायी तौर पर सरपंच का काम सौंपा जाएगा। सरपंच जाने से पहले पंचायत का सारा रिकॉर्ड उस पंच को देगा। जब सरपंच वापस लौटेगा, तो उसे संबंधित अधिकारी को वापसी रिपोर्ट देनी होगी और फिर वह अपने पद पर दोबारा काम संभालेगा।
ईमेल या फोन से बढ़ा सकेंगे छुट्टी
अगर किसी सरपंच को विदेश में रहने की छुट्टी आगे बढ़ानी है, तो वह फोन या ईमेल के जरिए पंचायत अधिकारियों को सूचित कर सकता है। उसे अपनी स्थिति और छुट्टी बढ़ाने का कारण बताना होगा।
नियम का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
यदि कोई सरपंच या पंच बिना अनुमति विदेश जाता है, तो उसके खिलाफ सरकारी कार्रवाई की जाएगी। यह नियम पूरे पंजाब के सभी सरपंचों और पंचों पर लागू होगा और इसे अनिवार्य रूप से मानना होगा।