अमृतसरः संगीत की दुनिया में तंती साज का अपना स्थान है, विशेषकर गुरबानी कीर्तन का उनसे अटूट संबंध है और अमृतसर स्थित गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में विशेष रूप से तार वाद्यों और तबला में डिग्री प्रदान की जाती थी, लेकिन अब यूनिवर्सिटी वह डिग्री खत्म कर रही है, जिससे खासकर सिख विद्यार्थियों में काफी रोष पाया जा रहा है, जिसके बाद सिख विद्यार्थी श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय पहुंचे और जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के नाम ज्ञापन सौंपकर उनसे इसमें सहयोग मांगा।
विद्यार्थियों ने कहा कि तांती साज गुरमत का अभिन्न अंग है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इसे प्राथमिकता न देकर अन्य विषयों को प्राथमिकता दे रहा है तथा यहां तबला की डिग्री भी बंद की जा रही है और उन्हें डिग्री लेने के लिए शिमला या चंडीगढ़ जैसे शहरों में जाने को कहा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अमृतसर शहर एक गुरु नगरी है और एक गुरु नगरी में बच्चों को गुरमत शिक्षा से वंचित करना बहुत गलत है। इसके लिए आज वे श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से मिलने पहुंचे हैं और मांग करते हैं कि उनका इसमें समर्थन किया जाए और वे सिख संगठनों से भी मांग करते हैं कि इस मामले में उन्हें सहयोग प्रदान किया जाए ताकि वे गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से तार वाद्यों में डिग्री प्राप्त कर सकें।