अमृतसरः सच्चखंड श्री हरिमंदर साहिब के हेड ग्रंथी और अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की ओर से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मनन ने गंभीर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सिख पंथ की ऐतिहासिक मर्यादा के अनुसार अकाल तख्त साहिब की प्रतिष्ठा सबसे ऊंची है और इतिहास में कभी भी अकाल तख्त के जत्थेदारों या उच्च पदाधिकारियों द्वारा सांसारिक अदालतों में जाने की परंपरा नहीं रही है।
उन्होंने बताया कि ज्ञानी रघबीर सिंह जो सिख समुदाय के धार्मिक नेता रहे हैं, उनके द्वारा ऐसी कार्रवाई करना पंथ की प्रतिष्ठा और अकाल तख्त के सम्मान पर सवाल उठाता है। कुलवंत सिंह मनन ने अपील की कि ज्ञानी रघबीर सिंह को अपनी हाईकोर्ट में दी याचिका वापस ले लेनी चाहिए, ताकि अकाल तख्त के सम्मान और पंथ की मर्यादा को कोई ठेस न पहुंचे। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम सोच-समझकर ही उठाने चाहिए, खासकर जब बात सिख धर्म और ऐतिहासिक संस्था से जुड़ी हो।