अमृतसरः पूर्व राष्ट्रपति श्रीराम नाथ कोविंद अपनी पत्नी के साथ अमृतसर स्थित सचखंड श्री दरबार साहिब में नतमस्तक हुए। उन्होंने दरबार साहिब में माथा टेककर अरदास की और गुरु घर में कुछ समय बिताते शांति व सुख का अनुभव किया।
पत्रकारों से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति पद से हटने के बाद दरबार साहिब आकर माथा टेकने की इच्छा उनके मन में काफी समय से थी। पिछले तीन वर्षों से मेरी इच्छा थी कि मैं गुरु साहिब के चरणों में नतमस्तक हूं, आज मेरा यह सपना पूरा हुआ है, जिसके लिए मैं गुरु साहिब का धन्यवाद करता हूं। राम नाथ कोविंद ने कहा कि सचखंड श्री दरबार साहिब केवल सिख धर्म का नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए एक पवित्र स्थान है, जहां हर धर्म के लोग आकर माथा टेकते हैं।
उन्होंने आशा जताई कि इस पवित्र स्थान से मिलने वाली प्रेरणा से देश के लोग आपसी भाईचारे और एकता को और मजबूत करेंगे। उन्होंने बताया कि दरबार साहिब के बाद वे दुर्गियाणा मंदिर में भी दर्शन करने जाएंगे। अंत में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने गुरू घर में अरदास करके देश और दुनिया में अमन-चैन, समरसता और सर्वस्य के भले की कामना की है।