पठानकोट: देश भर में आज बकरीद का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। बकरीद को ईद-उल-अजहा, ईद उल जुहा, अथवा ईद उल बकरा के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार त्याग और इंसानियत का प्रतीक माना जाता है। इस्लाम धर्म में इसे ‘Festival of Sacrifice’ यानी ‘कुर्बानी का त्योहार’ भी कहा जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, हर साल की ईद की तारीख चांद की स्थिति पर आधारित होती है। ज़ुलहिज्जा की 10वीं तारीख को ईद-उल-अजहा मनाई जाती है, जो कि रमजान खत्म के 70 दिन बाद आता है।
वहीं ईद-उल-अजहा का पर्व पठानकोट में भी धूमधाम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर डलहौजी रोड स्थित हीरा मस्जिद में सुबह नमाज अता की गई। जहां पूर्व मंत्री मास्टर मोहन लाल ने भी हिस्सा लिया और सभी को ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्होंने आपसी भाईचारे को कायम रखने की अपील की गई। इसके साथ पहलगाम हमले का निंदा प्रस्ताव भी पास किया गया। नमाज अता करने आए मुस्लिम भाइयों, बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों ने भी नमाज अदा करने के बाद अपनी खुशी का इजहार किया और ईद उल अजहा के बारे में विस्तार से बताया।
मस्जिद के इमाम मुहम्मद फुरकान ने ईद-उल-अजहा के अवसर पर सभी के साथ सुबह फज्र की नमाज अदा की और इस दिन के महत्व के बारे में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम अच्छे इंसान बनें, अल्लाह के बताए मार्ग पर चलें और सभी की भलाई की बात करें। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पहलगाम में निहत्थे लोगों पर आतंकी हमला किया गया है, वह निंदनीय है इसके जवाब में देश की सरकार और सेना की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के घर में घुसकर जवाब दिया गया है उसकी लिए वह बधाई के पात्र हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए आपसी भाईचारे को कायम रखने के बारे में कहा ताकि देश की और भी ज्यादा मजबूत हो सके।