मोहालीः शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया के ड्रग्स केस को लेकर आज पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय जांच में शामिल हो गए हैं। पूर्व डीजीपी पंजाब पुलिस आफिसर इंस्टीट्यूट चंडीगढ़ में विजिलेंस अधिकारियों के सामने बयान दर्ज कराने पहुंचे। विजिलेंस ने पूर्व डीजीपी को मजीठिया के खिलाफ चल रही जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था। सिद्धार्थ चटोपाध्याय के डीजीपी रहते बिक्रम मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स मामले की जांच की गई थी।
पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय ने मजीठिया मामले में अपना बयान दर्ज करवाया है। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब की स्थिति बहुत खराब हो गई है। यहां उद्योग और निवेश करने के लिए कोई भी राजी नहीं हो रहा, क्योंकि इसका मुख्य कारण नशा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के आदेशानुसार नशों के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई में बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस में भी कई काली भेड़ें हैं, जो नशे के कारोबार में शामिल हैं। मैंने अपनी पूरी डिटेल विजिलेंस को सौंप दी है। पंजाब पुलिस नशे के कारोबार को रोकने के लिए पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रही है।
बता दें कि बुधवार को पंजाब विजिलेंस ने 540 करोड़ के ड्रग व मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को अमृतसर में ग्रीन एवेन्यू से गिरफ्तार किया था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि अकाली दल के नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई पूरे कागज जुटाकर और पक्के पैरी की गई है। विपक्ष काफी समय से आरोप लगा रहा था कि बड़ी मछलियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब जब वह बड़ी मछलियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं तो पूरा विपक्ष एकजुट हो गया।
वहीं बिक्रम मजीठिया पर पुलिस का शिकंजा कस गया है। मजीठिया के घर पर रेड के दौरान समर्थकों को पुलिस के खिलाफ भड़काने की शिकायत हुई है। जांच टीम ने मजीठिया के खिलाफ अधिकारियों को धमकाने, धक्कामुक्की करने, सबूत मिटाने की साजिश करने और समर्थकों को हमले के लिए उकसाने की शिकायत दी है। विजिलेंस टीम के पास उस घर में केस से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों के होने की सूचना थी।