चंडीगढ़ः पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य में बाढ़ की स्थिति का मूल्यांकन करते हुए इसे पिछले 5 दशकों की सबसे भयानक बाढ़ बताया। उन्होंने कहा कि बाढ़ से राज्य के लगभग 2,000 गांव प्रभावित हुए हैं। 4 लाख से अधिक नागरिक प्रभावित हुए हैं, जबकि 14 जिलों में 43 मौतें हुई हैं। बीते दिन देश के प्रधानमंत्री ने पंजाब और हिमाचल का दौरा किया। जहां हिमाचल के लिए 1500 करोड़ और पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। हालांकि पीएम द्वारा किए गए इस ऐलान को लेकर सुनील जाखड़ का कहना हैकि यह टोकन है, अभी पंजाब के लिए और ऐलान होना बाकी है।
वहीं आज वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि भारी बारिश के चलते सबसे ज़्यादा नुक़सान पंजाब का हुआ है। उन्होंने कहा कि 25,30 जीडीपी का हिस्सा पंजाब से आता है। उन्होंने कहा कि दरिया ने अपना रूख क्या बदला की किसानों को कितनी एकड़ जमीन बर्बाद हो गई। पंजाब की मिट्टी से लेकर फसल तक सब खराब हो गई। इस आपदा में लोगों के घरों के घर बर्बाद हो गए। केंद्र पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को तालिबानियों की तो याद आ गई लेकिन उनको पंजाबियों की आपदा के दौरान याद नहीं आई।
उन्होंने कहा कि अफ़सोस इस बात का है कि देश के प्रधानमंत्री को 28 से 30 दिन बाद पंजाब की याद आई। जिसके चलते पीएम मोदी बीते दिन पंजाब आए और राहत पैकेज के लिए 1600 करोड़ का ऐलान करके गए। वित्त मंत्री ने इस ऐलान को ऊंट के मूंह में जीरा देने के बराबर बताया। उन्होंने कहा कि वह तो पीएम मोदी सिर्फ़ पंजाब में टूरिज्म करके गए है। उन्होंने ने कहा कि पीएम मोदी ने इस आपदा में पंजाब की बाजू नहीं पकड़ी, वह तो बस अपने पार्टी के लोगों से मिले। लेकिन मौजूदा सरकार के किसी नुमाइंदे से वह नहीं मिले। पंजाब की गरीब मां देखती रह गई की शायद प्रधानमंत्री मिलने आएंगे ।
जब वे पब्लिक के नुमाइंदों से मिल रहे थे उस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी से संबंधित लोगों से मिलने को तरजीह दी। चीमा ने कहा कि पंजाबी भाषा का भी अपमान प्रधानमंत्री ने किया है। उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री के मन में आज भी पंजाबियों के प्रति बहुत नफ़रत है। प्रधानमंत्री ने चुनी हुई सरकार के नुमाइंदों से बेरुखी दिखाई। पंजाब के लिए राहत पैकेज पर कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया द्वारा बात किए जाने पर प्रधानमंत्री ने उन्हें हिंदी समझ ना आने की बात कहते हुए हमारी मां बोली पंजाबी का अपमान किया।