पठानकोट: पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सीमा पर खड़े लोगों की प्रतिक्रिया सामने आई है। लोगों ने कहा कि अगर युद्ध की स्थिति बनती है, तो वह सेना के आदेशों की पालना करेंगे। जैसे उन्होंने 1965 और 1971 के युद्धों में किया था।
जिले के सिंबल, टिंडा, जैदपुर सहित सीमा के गांव पंजाब से लगती पाकिस्तान सीमा के पास स्थित हैं। युद्ध की स्थिति को देखते हुए सीमा पर रहने वाले किसान अपनी गेहूं की फसल को जल्द से जल्द कटाई के लिए तैयार कर रहे हैं। सीमा से लगे गांवों में खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को जल्द से जल्द काटने के निर्देश हैं ताकि सीमा पर तनावपूर्ण माहौल में उन्हें नुकसान न हो।
स्थानीय लोगों ने कहा कि अब उनमें डर का कोई माहौल नहीं है। वह BSF के साथ सीमा पर हर तरह से देश की सेवा कर रहे हैं। जैसे कि उन्होंने पहले 1965, 1971, कारगिल युद्ध और फिर सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान किया था। पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को सख्त जवाब देना बहुत जरूरी है।
यदि युद्ध जैसी स्थिति बनती है और उन्हें यहां से हटाया जाता है, तो सरकार को इसके लिए पूरा प्रबंध करना चाहिए। वह अपने बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर भेजकर सुरक्षा एजेंसियों, सेना और BSF के साथ डटे रहेंगे।