Loading...
- Advertisement -
HomePunjabFirozpurPunjab News: 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने पर किसानों को सताने लगा...

Punjab News: 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने पर किसानों को सताने लगा बाढ़ का डर, देखें वीडियो

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

दरिया में बढ़ते पानी ने बना लिया अलग रास्ता

फिरोजपुरः सतलुज ने एक बार फिर कहर ढाना शुरू कर दिया। दरअसल, सतलुज नदी में 40 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद ज़मीनों में दरार आने लगीं। अभी पिछले दुःख से लोग बाहर भी नहीं निकले थे कि एक बार फिर सतलुज अपना कहर बरपाने लगा है। पहाड़ों और पंजाब में हुई बारिश से सतलुज का जलस्तर फिर बढ़ रहा है। बांधों से सतलुज में छोड़ा गया पानी किसानों की ज़मीनों को फिर से काटकर अपने साथ ले जा रहा है।

फिरोज़पुर की सीमा के अधीन आने वाला गांव गट्टी राजोके भारत का आख़िरी गांव है। वहीं पाकिस्तान की तरफ़ से आ रहा पानी जमीनों को काट कर तेज बहाव के साथ बहाकर ले जा रहा है। कई किले ज़मीनें जहां सतलुज में समा गई हैं, वहीं सतलुज ने अलग रास्ता बनाते हुए एक और नदी का रास्ता बनाना शुरू कर दिया है, जिससे किसानों की कई एकड़ ज़मीन नष्ट हो गई हैं। पानी के लगातार बढ़ने से एक बार फिर बाढ़ का खतरा सरहदी गांवों के लोगों के सिर पर मंडराने लगा है। किसानों का कहना है कि उनकी ज़मीनें कच्ची हैं।

इसलिए उन्हें मुआवज़ा भी नहीं मिलता और जो फ़सल बोई गई थी, वह पहले ही बाढ़ का पानी लेकर चला गया है। ऐसे में अब उनकी ज़मीनों को भी ऊपर छोड़ा जा रहा पानी काटकर अपने साथ ले जा रहा है। किसानों ने कहा कि तीसरी मार अब पाकिस्तान की तरफ़ से आ रहे पानी से पड़ रही है, जिससे सतलुज नदी ने एक और रास्ता बना लिया है। इससे उनकी ज़मीनें बर्बाद होकर सतलुज में समा रही हैं। गांव वासियों ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि उनकी ज़मीनों को पक्का कराया जाए ताकि ऐसी मुसीबत के समय उन्हें प्रशासन की ओर मुआवज़ा दिया जा सके और कुछ न कुछ मरहम उनके जख्मों पर लगाया जा सके।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page