दरिया में बढ़ते पानी ने बना लिया अलग रास्ता
फिरोजपुरः सतलुज ने एक बार फिर कहर ढाना शुरू कर दिया। दरअसल, सतलुज नदी में 40 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद ज़मीनों में दरार आने लगीं। अभी पिछले दुःख से लोग बाहर भी नहीं निकले थे कि एक बार फिर सतलुज अपना कहर बरपाने लगा है। पहाड़ों और पंजाब में हुई बारिश से सतलुज का जलस्तर फिर बढ़ रहा है। बांधों से सतलुज में छोड़ा गया पानी किसानों की ज़मीनों को फिर से काटकर अपने साथ ले जा रहा है।
फिरोज़पुर की सीमा के अधीन आने वाला गांव गट्टी राजोके भारत का आख़िरी गांव है। वहीं पाकिस्तान की तरफ़ से आ रहा पानी जमीनों को काट कर तेज बहाव के साथ बहाकर ले जा रहा है। कई किले ज़मीनें जहां सतलुज में समा गई हैं, वहीं सतलुज ने अलग रास्ता बनाते हुए एक और नदी का रास्ता बनाना शुरू कर दिया है, जिससे किसानों की कई एकड़ ज़मीन नष्ट हो गई हैं। पानी के लगातार बढ़ने से एक बार फिर बाढ़ का खतरा सरहदी गांवों के लोगों के सिर पर मंडराने लगा है। किसानों का कहना है कि उनकी ज़मीनें कच्ची हैं।
इसलिए उन्हें मुआवज़ा भी नहीं मिलता और जो फ़सल बोई गई थी, वह पहले ही बाढ़ का पानी लेकर चला गया है। ऐसे में अब उनकी ज़मीनों को भी ऊपर छोड़ा जा रहा पानी काटकर अपने साथ ले जा रहा है। किसानों ने कहा कि तीसरी मार अब पाकिस्तान की तरफ़ से आ रहे पानी से पड़ रही है, जिससे सतलुज नदी ने एक और रास्ता बना लिया है। इससे उनकी ज़मीनें बर्बाद होकर सतलुज में समा रही हैं। गांव वासियों ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि उनकी ज़मीनों को पक्का कराया जाए ताकि ऐसी मुसीबत के समय उन्हें प्रशासन की ओर मुआवज़ा दिया जा सके और कुछ न कुछ मरहम उनके जख्मों पर लगाया जा सके।