अमृतसरः पंजाब भर में किसान संगठनों ने बिजली संशोधन बिल 2025 समेत अन्य कृषि मांगों को लेकर 2 घंटे का ‘रेल रोको’ और चक्का जाम किया। यह धरना दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक रखा गया था। हालांकि किसानों का यह प्रदर्शन विफल रहा। दरअसल, कई जगहों पर ही किसानों द्वारा रेलवे ट्रैक जाम किया गया। जबकि जालंधर, लुधियाना सहित कई अन्य जगहों पर पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों को रेलवे ट्रैक जाम नहीं करने दिया गया।
धरने के दौरान कुछ जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच मामूली झड़पें की घटनाएं भी सामने आई। इस दौरान कई स्थानों पर किसान बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ते दिखाई दिए, इस मौके पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का मानना है कि यह रेल रोको लोकहित में था और इससे 80 प्रतिशत रेल ट्रैफिक पूरी तरह ठप रही।
उन्होंने कहा कि यदि बिजली बोर्ड निजी हो गया तो आम लोगों के लिए बिजली महंगी हो जाएगी और घरों में बिजली की उपलब्धता भी प्रभावित होगी। किसान नेता ने माझा, दोआबा और मालवा में 60 से 70 किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को नजरबंद किया गया। उन्होंने मांग की कि तुरंत सभी किसानों को रिहा किया जाए और बिजली संशोधन बिल 2025 को रद्द कर पंजाब विधानसभा में इस संबंधी प्रस्ताव पारित किया जाए।