चंडीगढ़: पंजाब में किसानों ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिय है। किसानों ने दोबारा से ट्रेनें रोकने का ऐलान किया है। दरअसल, चंडीगढ़ में हुई केएमएम ने बैठक के बाद बताया कि डीसी कार्यालय के सामने उनके द्वारा 17 तारीख को जो धरना शुरू होना था, अब 18, 19 और 20 तारीख तक स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें रेलवे ट्रैक रोकना भी शामिल हैं। सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि यह कितने समय तक चलेगा।
उन्होंने कहा कि प्रशासन इस बात पर चुप रही है कि गांवों में बिजली बिलों के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों पर क्या कार्रवाई की जाए, जबकि रेल रोकने के लिए प्रदर्शन केंद्र सरकार को संदेश देने के लिए किया जाना चाहिए था। किसानों ने कहा कि पंजाब की एक मुहिम इसमें शामिल है, जहां स्मार्ट मीटर हटवाए गए और विभाग के पास जमा करवाए गए। सिम कार्ड्स से फिट किए गए और बिजली बोर्ड को बेचे गए।
किसानों ने कहाकि मीटर हटाने की मुहिम जारी रहेगी और इस मुहिम का आज निर्णय लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह मुहिम जारी रहेगी। सरवन पंधेर ने कहा कि उनकी अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिनमें हंगामा करने का मामला भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अन्य किसान संगठनों के साथ, हम हमेशा संगठन की एकता का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में ईथेनॉल फैक्ट्री के खिलाफ विरोध हो रहा है, जिसका विरोध सरकार के दमन के चलते किया जा रहा है। उन लोगों का समर्थन व्यक्त करते हुए कहा गया कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो वे उनके साथ खड़े रहेंगे, क्योंकि फैक्ट्री पानी के नुकसान का कारण बनेगी।
पंधेर ने कहा कि संघर्ष के लिए कुछ मांगें रखी गई हैं, जिनमें शंभू और खनौरी मोर्चों पर हुए नुकसान का मुआवजा शामिल है, जो कि 37.7 मिलियन रुपए है। घायल किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया है। दिल्ली में शहीद हुए लोगों के परिवारों के लिए नौकरियां लंबित हैं। पराली जलाने के मामले को रद्द करने की भी मांग की जाएगी। पंधेर ने कहा कि कोई मुआवजा नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि 18 तारीख से 2 दिनों के लिए डीसी कार्यालयों के सामने विरोध-प्रदर्शन शुरू होंगे। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे 20 दिसंबर को ट्रेनें रोकी जाएगी।