श्रीनगरः पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास अग्रिम पंक्ति के गांवों में बुधवार तड़के भारी गोलाबारी की। यह गोलाबारी भारतीय सशस्त्र बलों के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए जाने के बाद हुई। अधिकारियों ने बताया कि पुंछ जिले में एक घर के पाकिस्तानी गोलाबारी की चपेट में आने से एक महिला और उसकी बेटी घायल हो गई, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया कि भारतीय हमले के कुछ ही देर बाद पुंछ के कृष्णा घाटी, शाहपुर और मनकोट, जम्मू क्षेत्र के राजौरी जिले के लाम, मंजाकोट और गंभीर ब्राह्मणा तथा उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के करनाह इलाके में सीमा पार से भारी गोलाबारी की खबर मिली।
अधिकारियों के मुताबिक, मनकोट में दो नागरिकों के हताहत होने की खबर है और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि सीमा पर तैनात भारतीय सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी जारी है। अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तानी गोलाबारी के कारण लोगों को भूमिगत बंकरों में शरण लेनी पड़ी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सीमा पर लगातार 13 दिन से बिना उकसावे के गोलीबारी कर रहा है। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने इस हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में मंगलवार देर रात नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।
सशस्त्र बलों ने बहावलपुर को भी निशाना बनाया, जो आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख ठिकाना है। भारतीय सेना ने देर रात 1.44 बजे जारी एक बयान में कहा कि सैन्य हमले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत किए गए। उसने कहा, ‘‘कुछ समय पहले, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर हमला करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की साजिश रची गई और उसे अमलीजामा पहनाया गया।’’
भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पाकिस्तान ने पुंछ-राजौरी क्षेत्र के भीमबेर गली में गोलाबारी करके एक बार फिर संघर्ष-विराम समझौते का उल्लंघन किया है। भारतीय सेना उचित तरीके से जवाब दे रही है।’’ भारत और पाकिस्तान के 25 फरवरी 2021 को संघर्ष-विराम समझौते को नवीनीकृत करने के बाद से नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर संघर्ष-विराम उल्लंघन की घटनाएं काफी कम हो गई थीं।