अमृतसरः पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में लगातार विवाद बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से आए टूरिस्ट को वतन वापसी के आदेश जारी कर दिए हुए है। जिसके चलते रोजाना भारत से पाकिस्तान जाने के लिए लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। वहीं पाकिस्तान से भार लौट रहे लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। वहीं आज अटारी बॉर्डर पर दृश्य भावनाओं से भरा देखने को मिला। दरअसल, पाकिस्तान से अपने देश की मिट्टी देखने की इच्छा लेकर लौटे 2 छोटे बच्चों की आंखों में अनोखी चमक थी, लेकिन अपनी मां से जुदाई का गहरा दर्द भी उनकी आंखों से साफ नजर आ रहा था।
ये बच्चे कुछ समय पहले अपनी मां साहीमा के साथ पाकिस्तान गए थे, जहां उनके नाना-नानी रहते हैं। साहीमा की शादी 18 साल पहले नई दिल्ली के एक युवक से हुई थी। लेकिन इस बार जब हालात बदल गए और भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया, तो बच्चों को अकेले भारत भेजने के लिए मजबूर किया गया। उनकी मां का वीज़ा समाप्त हो गया था और वह पाकिस्तान में ही रह गई। बच्चों ने अटारी सीमा पर अपने पिता को गले लगाया और आंखों में आंसू लेकर कहा, हम पापा से मिलकर बहुत खुश हैं, लेकिन हमें मम्मी की बहुत याद आती है। इस मासूम बात ने वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंख में आंसू ला दिए। एक तरफ मिलन था सुरक्षा, निकटता और पिता की गोद में आराम करने का, जबकि दूसरी ओर जुदाई थी। मां के प्यार और स्नेह को खोने का दर्द ने सभी की आंखे नम हो गई।
बच्चे उदास हैं कि उनकी मां उनके साथ नहीं आई, लेकिन वे खुश हैं कि वे 9 महीने बाद वह अपने पिता से मिल रहे हैं। लड़की फातिमा ने बताया कि वह 7वीं कक्षा में पढ़ती है और वह अपने देश वापस आ गई है। फातिमा ने कहा कि वह दोनों सरकारों से अपील करती है कि जो बच्चे अपनी माताओं के साथ एक-दूसरे के देशों में गए हैं, उन्हें उनके बच्चों के पास वापस भेजा जाए। वहीं मोहम्मद इब्राहीम ने बताया कि बच्चों के मामा की मौत हो जाने के कारण वे वहीं रह गए थे। ये 3 महीने के वीज़ा पर पाकिस्तान गए थे। यह घटना सिर्फ एक परिवार की जुदाई की कहानी नहीं है, बल्कि सैकड़ों लोगों की कहानी है जो कड़े सीमा नियमों और राजनीतिक तनाव के बीच फंसे हुए हैं।