पटियालाः जिले में नगर निगम के कर्मियों द्वारा मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया। जिसमें कई जत्थेबंदियों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। वहीं जत्थेबंदियों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति ने परेशान होकर खुद पर पेट्रोल डाल लिया और खुद को आग लगाने की कोशिश की। गनीमत यह रही कि अन्य कर्मियों से समय रहते उसे आग लगाने से रोक लिया और हादसा होने से टल गया। इस दौरान भारी हंगामा देखने को मिला।
मामले की जानकारी देते हुए यूनियन के प्रधान सुनील ने कहाकि समूह जत्थेबंदियों द्वारा आज मांगों को लेकर हड़ताल की गई है। उनका कहना हैकि कलम छोड़ हड़ताल की गई है। आउटसोर्स कर्मियों के खातों में सैलेरी नहीं आ रही है और पीएफ को लेकर कंपनी की ओर से पिछले 10 सालों से जमा नहीं करवाया गया। इस दौरान कुछ कर्मियों की परमोशन सहित अन्य मांगे शामिल है। आज ड्राइवर यूनियन, सफाई यूनियन, काट्रेक्ट यूनियन, टेक्नीकल यूनियन सहित अन्य जत्थेबंदियों द्वारा हड़ताल की गई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के साथ 10 बार मीटिंग की जा चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जिसके बाद आज मजबूर होकर प्रदर्शन करना पड़ा। मार्च 2015 में एक ठेका लिया गया था, जिसमें सीमा- सीमां कपंनी में अंडर सीवरेज कर्मी, आउटसोर्स कर्मियों सहित अन्य वर्करों के पीएफ जमा नहीं करवाए गए।
वहीं दूसरी ओर पटियाला के मेयर सुरजीत सिंह रखड़ा ने कहा कि यूनियन की ओर से 20 मई को लेटर दिया गया है। जिसमें कुछ मांगे उनके पद संभालने से पहले की है। उन्होंने कहा कि कर्मियों की मांगों को लेकर नगर निगम कमिश्नर के साथ बात की जा रही है। जिसको लेकर कुछ मांगों को लेकर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करना प्रत्येक व्यक्ति का राइट है। वहीं सैलेरी को लेकर मेयर ने कहा कि उनसे पहले कर्मियों को सैलेरी डेढ माह बाद मिलती थी, लेकिन पिछली बार पहली तारीख को ही सैलेरी कर्मियों को क्लीयर कर दी गई थी। पिछले 20 सालों में जो कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि क्लेक्शन से ही कर्मियों को सैलेरी दी जाती है, ऐसे में इस बार कुछ सैलेरी पेंडिंग हुई है। क्योंकि मार्च माह फाइनेशल ईयर था और इसके चलते कुछ देरी हो गई। मेयर ने कहा कि कर्मियों के बाद पार्षदों को सैलेरी दी जाती है।