पठानकोटः देश भर में मानसून की दस्तक के बाद किसानों को जहां बहुत बड़ी राहत मिली है, वहीं कई राज्यों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। उत्तर से लेकर दक्षिण और पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी बारिश के बीच हर ओर उफनते सैलाब की तस्वीरें आ रही हैं। देश के कई प्रमुख शहरों में सड़कें पानी से लबालब भरी हैं, पहाड़ों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। वहीं पहाड़ों में भारी बारिश के कारण रणजीत सागर बांध की झील का जलस्तर 505 मीटर/खतरे के निशान से 20 मीटर नीचे पहुंच गया है।
पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं जहां नदी और नहरें उफान पर हैं। जिसके कारण हमारी टीम ने रणजीत सागर बांध की झील में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर रणजीत सागर बांध के अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि जिस तरह पहाड़ों में लगातार बारिश हो रही है। जिससे रणजीत सागर बांध की झील में जलस्तर बढ़ रहा है। वहीं प्रतिदिन अतिरिक्त बिजली भी पैदा हो रही है। जिसके साथ ही रणजीत सागर बांध की झील से छोड़ा गया पानी छपराकंडी बांध की झील में जमा हो जाता है।
जिसे नहरों के माध्यम से पंजाब और जम्मू-कश्मीर को सप्लाई किया जाता है ताकि किसान अपने खेतों की उपजाऊ सिंचाई कर सकें। मानसून की दस्तक के साथ ही पहाड़ी राज्य के कई जिलों से लगातार आसमानी आफत की तस्वीरें सामने आ रही हैं। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में बारिश के बाद पटरियों पर पत्थर और पेड़ गिरने से शिमला-कालका रेल लाइन पर को सेवाएं स्थगित कर दी गईं थी, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण यातायात घंटों बाधित रहा। मंडी जिले में लगातार हो रही बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है। वहीं लारजी डैम की फ्लशिंग के कारण भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने पंडोह डैम के सभी 5 गेट खोल दिए हैं।
पंडोह डैम में 44 हजार क्यूसेक प्रति सेकेंड पानी आ रहा है और उतनी ही मात्रा में आगे छोड़ा जा रहा है। प्रशासन की ओर से लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों 3 जगहों पर बादल फटा है। लिहाजा कई इलाकों में भारी बारिश के रेड अलर्ट के चलते लोग डरे हुए हैं। मनाली में दो साल पहले बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई थी। भारी बारिश के बीच एक बार फिर व्यास नदी अपना मार्ग बदल रही है, जो लोगों के दिलों में डर पैदा कर रही है।