मोहालीः जिले के सरकारी स्कूलों में पीने के पानी के सैंपल लगातार फेल हो रहे हैं। पब्लिक स्वास्थ्य विभाग की खरड़ स्थित ‘स्टेट पब्लिक हेल्थ लेबोरेटरी’ द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह बात स्पष्ट हुई है। दरअसल, 5 दिसंबर को सिविल सर्जन मोहाली को जारी पत्र में लैब-समन्वयक ने इन स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर विभाग द्वारा सुझाए गए क्लोरीनेशन और उपचार की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है। पब्लिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 2 दिसंबर को मिले 9 स्कूलों में से 5 का पानी पीने योग्य नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, जांचे गए नमूनों के पानी में बैक्टीरिया की काफी मात्रा मेेंं पाई गई है, इसलिए नमूनों को दोबारा भेजने का आदेश दिया गया है।
हालांकि किसी भी स्कूल में टीडीएस, पीएच क्लोराइड और अन्य धातुएं निर्धारित सीमा के भीतर हैं, लेकिन पानी में क्लोरिफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा अधिक बताई जा रही है। कुल 9 स्कूलों में से केवल 4 स्कूलों में पानी पीने के लिए सुरक्षित पाया गया है। इनमें राजकीय प्राथमिक विद्यालय देवी नगर, प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय कलौली, प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय तसोली तथा राजकीय प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय गुडाना शामिल हैं।
दूसरी ओर, जिला शिक्षा विभाग ने भी 23 ऐसे स्कूलों के मुखिया से जवाब मांगा है, जहां पहले पानी पीने लायक नहीं था। डीसी के आदेश पर डिप्टी डीईओ अंग्रेज सिंह ने स्कूल प्रिंसिपलों को यह रिपोर्ट जल्द भेजने के निर्देश दिए हैं। पता चला है कि इन स्कूलों के प्रमुखों को पानी के नमूनों की दोबारा जांच करने के लिए कहा गया है। वैसे तो साफ पानी उपलब्ध कराना पब्लिक स्वास्थ्य विभाग का काम है, लेकिन विभाग ने स्कूल प्रिंसिपलों और शिक्षकों को जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसकी खूब चर्चा हो रही है। इन 23 स्कूलों में 14 स्कूल ब्लॉक खरड़-1 और खरड़-2 के हैं।
इनके अलावा डेराबस्सी के 2 और 7 स्कूल बनूड़ ब्लॉक के हैं। पेयजल में बैक्टीरिया संबंधी खराबी की चर्चाएं बढ़ने लगीं तो अब विभाग ने स्कूलों में आरओ के बारे में जानकारी मांगी है। जिला शिक्षा विभाग ने गूगल फॉर्म भेजकर उनमें आरओ की जानकारी मांगी है। इन स्कूलों में सरकारी स्कूल गोबिंदगढ़ में जहां नल का पानी तो आया लेकिन पानी पीने योग्य नहीं है। इनमें प्राइमरी स्कूल संतेमाजरा, मिडिल स्कूल बठलाना, सरकारी प्राइमरी स्कूल बठलाना, प्राइमरी स्कूल गोबिंदगढ़ शामिल है।