एसएएस नगर: पूर्व अकाली यूथ नेता विकी मिडूखेड़ा 2021 में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं इस केस में नया मोड़ आ गया। मामले में धर्मेंद्र गुगनी को नामजद किया गया है। गुगनी ने अपने वकील के माध्यम से मोहाली जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की है, जिस पर अदालत ने मोहाली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए 8 मई तक जवाब तलब किया है। हालांकि धर्मेंद्र गुगनी पहले से ही एक अन्य हत्या मामले में सजा भुगत रहा है।
इस मामले में तीन गैंगस्टरों को सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि कुछ अन्य जैसे शगन प्रीत सिंह, रवींदर सिंह चौहान, सौरव ठाकुर, गौरव पटियाला उर्फ़ लक्की पटियाला, सोबीर और धर्मेंद्र गुगनी के बारे में जांच के लिए अदालत ने आदेश दिए थे। मृतक के परिवार ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे बाकी दोषियों को कानूनी दायरे में लाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। सबूतों की कमी के कारण कौशल चौधरी, अमित डागर और भूपिंदर सिंह भूपी राणा को अदालत ने बरी कर दिया था।
7 अगस्त 2021 को सेक्टर 70 मोहाली में विकी मिडूखेड़ा की उस समय हत्या कर दी गई जब वह अपने प्रॉपर्टी डीलर दोस्त के दफ्तर से निकला था। कार की ओर बढ़ते समय दो नकाबपोश हमलावरों ने उस पर गोलाबारी कर दी। विकी ने बचने की कोशिश में लगभग एक किलोमीटर दौड़ लगाई, लेकिन हमलावर उसका पीछा करते रहे। कुल 20 गोलियां चलाई गईं, जिनमें से 9 गोलियां लगने के कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई। अगले दिन बमबीहा गैंग ने हत्या की जिम्मेदारी ले ली। शुरुआती जांच में लक्की पटियाला का नाम सामने आया, जो इस गैंग से जुड़ा हुआ है।
बाद में मोहाली पुलिस ने तिहाड़ जेल समेत विभिन्न स्थानों से 26 गैंगस्टरों को पूछताछ के लिए लाया। अंततः दिल्ली पुलिस ने इस मामले के कुछ मुख्य दोषियों को गिरफ्तार किया, जिससे हत्या की योजना का खुलासा हुआ। पता चला कि तिहाड़ जेल में बंद अमित डागर और कौशल चौधरी ने यह योजना बनाई थी। उन्होंने कार और शूटरों का प्रबंध किया था।