फरीदकोटः पंजाब भर में जहां एक ओर पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ अभियान चलाकर नशा तस्करों के खिलाफ लगातार सख्त एक्शन लेकर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर वे नशे की दलदल में फंसे युवा पुलिस की कार्रवाई से डकर अब नशा छोड़ने लग गए है। जिसके चलते उन्हें सरकारी नशा छुड़ाने वाले केंद्रों में दाखिल कराया जा रहा है। लेकिन दूसरी ओर क्षेत्र में कई ऐसे नशा छुड़ाने वाले केंद्र चल रहे हैं जिनके ना तो स्वास्थ्य विभाग से कोई अनुमति ली गई है और ना ही नशा छुड़ाने के मापदंडों को प्राथमिकता दी गई है।
इसी कारण पुलिस ने पहले ही बिना अनुमति के चल रहे 2 ऐसे नशा छुड़ाने वाले केंद्रों को सील कर दिया था। जिसके बाद आज एक बार फिर से फरीदकोट के गांव चक कल्याण में गैरकानूनी तरीके से चल रहे नशा छुड़ाने वाले केंद्र की सूचना मिलने पर पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर उक्त केंद्र पर छापा मारा। जांच के दौरान पाया गया कि इस नशा छुड़ाने वाले केंद्र को चलाने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी और गैरकानूनी तरीके से बिना किसी मानक और मापदंडों का पालन किए नशा छुड़ाने आए मरीजों का इलाज किया जा रहा था।
खास बात यह है कि यह नशा छुड़ाने वाला केंद्र बंद पड़े स्कूल के अंदर ही चलाया जा रहा था। इस नशा छुड़ाने वाले केंद्र के अंदर लगभग 21 मरीजों का इलाज चल रहा था जिन्हें पुलिस ने रेस्क्यू कर स्वास्थ्य विभाग की मदद से सरकारी नशा छुड़ाने वाले केंद्रों में भेजा। फिलहाल पुलिस द्वारा इस नशा छुड़ाने वाले केंद्र को बंद कर दिया गया है और अगली कार्रवाई जारी है।