चंडीगढ़ः पंजाब पवित्र धार्मिक ग्रंथों के खिलाफ अपराधों की रोकथाम बिल 2025 को लेकर सदन में बहस शुरू हो गई है। विपक्षी दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा सबसे पहले बिल पर अपने विचार रखे। बहस के लिए 2 घंटे निर्धारित किए गए हैं। कांग्रेस को 16 मिनट दिए गए। इस दौरान प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि इस मुद्दे पर समय बढ़ाया जाना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि समय बढ़ाया जाएगा।
बेअदबी बिल पर बहस के दौरान हरपाल सिंह चीमा और सुखपाल सिंह खैरा आमने-सामने हो गए और सदन में हंगामा शुरू हो गगया। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विपक्षी दल के नेता ने कहा कि 2015 और 16 में बरगाड़ी और बहिबल कलां में बेदअदबी की घटनाएं हुई थीं, लेकिन मेरा मानना है कि जब धर्म के नाम पर सरकार बनी थी, उस समय बेदअदबी की घटनाएं हुई थीं।
1986 में नकोदर में 5 पवित्र बीड़ को आग लगा दी गई थी, जब लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। उस समय 4 लोगों की मौत हो गई थी। वित्त मंत्री ने कहा कि उस समय सुरजीत सिंह बरनाला मुख्यमंत्री थे। कैप्टन कनवलजीत गृह मंत्री थे, सुखजिंदर सिंह शिक्षा मंत्री थे। लेकिन कोई कार्रवाई या एफआईआर नहीं हुई। इस पर सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि वित्त मंत्री गलत तथ्य पेश कर रहे हैं। जिन लोगों के बारे में जानकारी दी जा रही है, वे इस दुनिया में नहीं हैं। मेरे पिता और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 1984 की घटना के बाद इस्तीफा दे दिया था।