लुधियानाः जिले के ससराली गांव के पास सतलुज नदी का बांध तेज बहाव के दबाव के कारण बेहद कमजोर हो गया है। जिससे 14 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। उधर, माछीवाड़ा एरिया में भी सतलुज का पानी बांध तक पहुंच गया है। प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है।
सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय लोग मिलकर 24 घंटे बांध को मजबूत करने में जुटे हैं। डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने शुक्रवार को खुद मौके पर जाकर बांध की मरम्मत और सुरक्षा कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। डीसी ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि वह सतर्क रहें और हालात पर नजर बनाए रखें। यदि लोग 2 मंजिला मकान में हैं तो ऊपरी मंजिल पर ही रहें।
निचले इलाकों या एक मंजिला घरों में रहने वाले लोग अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। जरूरी दस्तावेज़ और सामान पानी-रोधी बैग में रखें ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत साथ ले जाया जा सके। बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को सबसे पहले सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं। अगर सतलुज का पानी और बढ़ा तो लुधियाना के 14 गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।
राहों रोड, टिब्बा रोड, ताजपुर रोड, नूरवाला रोड और समराला चौक तक पानी पहुंच सकता है। वहीं साहनेवाल के धनांसू इलाके में भी पानी भरने की आशंका है, जिससे 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हो सकते हैं। भाखड़ा डैम का जलस्तर भी खतरे के निशान 1680 फीट के करीब पहुंच गया है। फिलहाल जलस्तर 1678.74 फीट है। डैम के चारों गेट 10-10 फुट तक खोले गए हैं। इस समय बांध में पानी की आमद 76,318 क्यूसेक और निकासी 80,792 क्यूसेक की जा रही है।