अमृतसरः रावी नदी में बढ़े जलस्तर के कारण सब-डिवीजन अज्नाला और लोपोके के कई गांवों में बाढ़ आने से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी की अगुवाई में राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। जिसमें सिविल टीमों के अलावा सेना, एनडीआरएफ, पुलिस और एनजीओ लगातार काम कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए टीमें लोगों के घरों तक पहुंच रही हैं। उनकी आवश्यकताओं के अनुसार पीने का पानी, राशन, जरूरतमंदों को दवाइयां, पशुओं के लिए चारा और फ़ीड वितरित किया जा रहा है।
आज सचिव प्रभारी कमल किशोर यादव ने चल रहे राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर आने की अपील की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में प्रशासन द्वारा अस्थायी रूप से राहत कैंप बनाए गए हैं, जहां रहने और खाने-पीने की सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने बताया कि रावी नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण लगभग 50 गांव प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक हमारी टीमों ने पानी में फंसे एक हजार से अधिक व्यक्तियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि हम रेड क्रॉस की सहायता से बाढ़ पीड़ितों को लगभग 45,000 पानी की बोतलें और 17,000 से अधिक खाद्य पैकेट वितरित कर चुके हैं।
इसके अलावा पशु पालन विभाग द्वारा पंजाब एग्रो की सहायता से लगभग 100 क्विंटल सूखा चारा और 50-50 किलो के 850 बैग पशुओं के लिए फ़ीड बांटे जा चुके हैं। पशु पालन विभाग की ओर से विभिन्न स्थानों पर पशु चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है और उनका मुफ्त इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जरूरतमंद मरीजों के लिए चिकित्सकीय टीम भी तैनात की गई हैं जहां डॉक्टरों द्वारा इलाज और मुफ्त दवाइयां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन डॉ. किरणदीप की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए मेडिकल टीमों की ड्यूटी के साथ एम्बुलेंस और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं।
आज डिप्टी कमिश्नर अमृतसर के साथ अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर रोहित गुप्ता, एसडीएम गुरसिमरन सिंह ढिल्लो, एसडीएम रविंदर सिंह, जिला खाद्य आपूर्ति कंट्रोलर अमनदीप सिंह, सेक्रेटरी रेड क्रॉस सैमसन मसीह और अन्य अधिकारी सुबह 6:00 बजे से राहत कार्यों में लगे हुए हैं। जिला पुलिस प्रमुख मनिंदर सिंह अपनी टीम के साथ लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए काम कर रहे हैं और वे सेना तथा अन्य एजेंसियों की मदद से जरूरतमंदों को निकालने और राहत सामग्री वितरण में लगे हुए हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, वे प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत कैंपों में रहना सुनिश्चित करें।
राहत कैंप बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए रहने, खाने-पीने, दवाइयों और अन्य मूलभूत सुविधाओं से लैस हैं। इसी दौरान बाढ़ प्रभावित इलाके के स्कूलों का दौरा करके आए जिला शिक्षा अधिकारी सेकंडरी राजेश कुमार ने बताया कि गांव जट्टां, पच्छियां, निसोके, नंगल सोहल, माछीवाला, बाउली, रमदास, गग्गोमहाल, अवाण, मलकपुर, दूजौवाल, थोबा और सूफियां के स्कूलों की इमारतें पूरी तरह पानी में डूबी हुई हैं। उन्होंने बताया कि चमियारी और सुधार स्कूलों में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आए सेना के जवानों ने अपनी अस्थायी आवास बनाई है और हम उन्हें हर तरह से सहयोग प्रदान कर रहे हैं।