अमृतसरः नवरात्रियों के पहले दिन अमृतसर के प्रसिद्ध दुर्गियाना मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। दुर्गा माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से आए भक्त सिर झुकाकर माता के चरणों में अरदासें समर्पित कर रहे थे। विशेषकर मंदिर के अंदर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में परम श्रद्धा के साथ भक्तों ने माथा टेका। नवरात्रियों के दौरान इस मंदिर में एक अनूठी परंपरा भी निभाई जाती है, जिसे “लंगूर मेला” कहा जाता है।
इस परंपरा के अनुसार, जिन माता-पिता ने अपने बच्चों की लंबी उमर/सुरक्षा के लिए माता रानी के सामने मन्नतें मांगी होती हैं, वे मन्नत पूरी होने पर अपने बच्चों को लाल कपड़े पहनाकर “लंगूर” बनाते हैं और मंदिर में ले आते हैं। यह मेला नवरात्रों के दिनों में ही मनाया जाता है और पूरी दुनिया में केवल अमृतसर के इस मंदिर में ही यह अनूठी धार्मिक रीति-रिवाज देखने को मिलती है।
मंदिर के पंडितजी ने बताया कि नवरात्रि के 9 दिन माता के विभिन्न रूपों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होते हैं। श्रद्धालु विभिन्न रीति-रिवाजों से माता की भक्ति करते हैं। पंडित ने यह भी बताया कि दुर्गियाना मंदिर लगभग 700 साल पुराना है। दुर्गा माता के नाम पर ही इस मंदिर का नाम दुर्गियाना पड़ा था। इसी परिसर में सीतला माता का मंदिर भी स्थित है, इसलिए इसे “दुर्गियाना-शीतला मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है। पंडित ने बताया कि यहां हनुमान जी का भी प्राचीन मंदिर है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण है। हर साल नवरात्रियों के अवसर पर दुर्गियाना मंदिर श्रद्धालुओं की अरदासों से यह पवित्र स्थान भक्ति और श्रद्धा का केंद्र बन जाता है।