चंडीगढ़ः हिमाचल के मंडी से बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रानौत गुरुवार को बठिंडा अदालत में होने वाली सुनवाई में फिर हाज़िर नहीं हुईं। बेबे महिंदर कौर द्वारा दायर मानहानि मामले में आज कंगना की उपस्थिति अनिवार्य थी, लेकिन वे अदालत में नहीं पहुंचीं। हालांकि, उनके वकील ने अदालत के सामने उनका पक्ष रखा। अदालत ने कंगना रानौत को 15 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से हाज़िर होने का आदेश जारी किया है। मानहानि का मामला दायर करने वाली 87 वर्षीय बेबे महिंदर कौर आज भी अदालत में पेश हुईं।
अदालत के बाहर बात करते हुए उन्होंने साफ कहा कि “चार साल से हम इंसाफ के लिए दौड़ रहे हैं, अब माफ़ करने का कोई सवाल ही नहीं बनता।” बेबे महिंदर कौर के वकील रघुवीर सिंह बहनीवाल ने बताया कि आज कुछ महत्वपूर्ण सबूत अदालत के सामने पेश किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अदालत ने खुलकर आदेश दिया है कि अगली सुनवाई पर कंगना को व्यक्तिगत रूप से हाज़िर होना पड़ेगा। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई दौरान कंगना के वकीलों ने व्यक्तिगत पेशी से छूट और अगले मोहलतों पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हाज़री की अनुमति मांगी थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।
उसी दिन अदालत ने कंगना के ख़िलाफ़ चार्ज भी फ्रेम किए थे। 2021 के किसान आंदोलन के दौरान कंगना रानौत ने बहादरगढ़ जंडिया गांव की बुज़ुर्ग किसान महिंदर कौर को ऐसी महिला बतलाया था जो विरोध प्रदर्शनों में पैसे लेकर हिस्सा लेती है। इस ट्वीट को निंदनीय और गलत बताते हुए महिंदर कौर ने कंगना के खिलाफ मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था। पिछली पेशी के बाद कंगना रानौत ने मीडिया के सामने कहा था कि ट्वीट एक ग़लतफ़हमी पर आधारित था और उन्होंने बेबे महिंदर कौर को ‘माफी का संदेश भेजा’ है। उन्होंने कहा था कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का उनका इरादा नहीं था।